फिर वही मनहूश रात
मन तो करता है कि
इस तारीख को कैलेंडर से
हमेशा हमेशा के लिए मिटा दूं।
आखिर हुआ क्या था उस रात?
...??
जिसने मुझे मेरी ज़िंदगी से दूर,
बहुत दूर कर दिया।
काश कि इस प्रश्न का उत्तर मुझे मिल पाता,
आखिर और कब तक
ये तड़प, ये बेचैनी, ये बेबशी,
और कितना इंतजार करना होगा मुझे... ✍🏻❤️🔥
Plz कुछ तो कहिए...-
💉दर्द और हमदर्द दोनों इश्क़ को बना लिया है❣️
तुम्हारे आने से पहले सोचता था,
प्रेम के बिना भी जीवन जिया जा सकता है।
तुम्हारे आने से पहले मेरे लिए प्रेम केवल कल्पना था,
जिसमें सिनेमाई श्रृंगार झलकता था।
तुम्हारे आने के बाद मैंने प्रेम को पढ़ा,
समझा और जीने लगा हूं।
प्रेम अब मेरे लिए कोई कल्पना के आकाश पर बना बादल नहीं,
यथार्थता के धरातल पर उगा सबसे सुंदर फूल है।
तुम्हारे प्रेम के बिना,
कल्पना के किसी आकाश में मैं जीवन को नहीं पा सकता हूं।
समझने लगा हूं कि प्रेम सिनेमा में दिखने वाला श्रृंगारपूर्ण भाव नहीं
अपितु यह प्रेम द्वार है किसी ईश्वर की ओर खुलने वाला।
प्रेम वह अंतिम उद्देश्य है जिसे पाने को मनुष्य जन्म लेता है।
प्रेम ही जीवन है।
यह कहना सहज होगा कि
मेरे लिए तुम ही प्रेम हो,
और तुम ही जीवन
और तुम्हारी अनुभूति इस जीवन का आनंद!!-
तेरे हाथ से मेरे हाथ तक
वो जो हाथ भर का था फासला
कई मौसमों में बदल गया
उसे नापते, उसे काटते
मेरा सारा वक्त गुजर गया.!!-
काश कि कोई मुझे ये बता पाता..
आख़िर कितना वक्त लगता है
किसी के चले जाने को स्वीकार करने में..!!-
इस दुनिया में सबसे भयानक है
अपनी मौत का इंतजार करना
और उससे भी भयानक है
उस खुदा से अपने लिए
मौत की दुहाई मांगना.!!-
कभी लगता है,
मैं उसकी रूह में शामिल हूं।
और कभी लगता है,
वो शख्स मेरा ज़रा सा भी नहीं.!!-
मेरे प्रेम का
समस्त अध्याय
विरह का रहा
मैं वंचित हुआ प्रेम से,
तुमसे और
अंततः स्वयं से.!!-
फिर मेरे हिस्से में आएगा समझौता कोई,
समय ने फिर कोई गहरा जाल बुना है मेरे लिए।।-
मेरी ज़िंदगी में
चाहे जितने ही लोग हो,
रिश्ते-नाते हो,
जो मेरे अपने हो,
जिन्हें मैं जानता हूं
या जो मुझे जानते हो,
इन सब के बावजूद
एक खाली सा कोना है
मेरे मन का.....
जो तुम्हारे बगैर
कभी भरता ही नहीं!!-