तुम किताबों जैसा बनाना ....
कितना भी मन में हो,चुप रहना....
उसे ही बताना, जो खुद सुनने आए तुम्हारे पास-
* ROOM से बाहर नहीं जाना,
* घर से बाहर नहीं जाना,
*ज्यादा किसी से नहीं मिलना,
*किसी भी function में नहीं जाना,
ये बचपन की panishment अब आदत बन गई है
-
लोग आते है, लोग जाते है
बस साथ में बिताए वो
लम्हे याद रह जाते हैं!
R-
कि हम कितने रास्ते बदलते हैं
उस शक्श को पाने के लिए
जो रास्ते ही बदल लेते है
हम से जुदा होने के लिए-
तुम्हारी खुबसुरती को जो कर सके बया,
वो शब्द बना रहा हूं..!
वरना...
ये शायरी वायरी कहा आती हैं मुझे..!
कुछ वक्त गुजरेगा तो बताएंगे,
कितने खूबसूरत हो तुम..! 💕
अभी लिख रहा हूं,
कागज पर पूरे
उतरे नहीं हो तुम..!-
सुबह भविष्य
दोपहर वर्तमान
और रोज रात को
मेरा अतीत
मुझसे मिलने आता है|— % &-
जहां तक आके तुम वापस
गए हो,
वहा अब तक कोई पहुंचा...
नहीं हैं ... — % &-
कितना मुश्किल हैं
एक शख्स को खुदा से मांगकर
फिर उसको भुल जानें की
दुआ मांगना.... — % &-