इस मर्तबा
कहानी मे कुछ इस तरह हुआ ,
फूल पैरो में .....
कांटे हाथो मे रह गया !!-
मेरे लहजे से मेरे व्यक्तित्व को समझो ,
इतने समझदार नही हो आप ,,
समझ न पाए मुझे तो ,
फिर किस बात के अपने हो आप ,,
कहानी कुछ भी हो हमारी ,
हमेशा गलत कहते रहोगे आप ,,
मुखौटे के अंदर से जो कहते हो ,
उतने बेगैरे से लगते हो आप ,,
देखते रहोगे मुझ मे गलती हर बार ,
इतने पराये हो आप ,,
दिल से लगाऊं आपकी हर बात ,
इतने हक़दार नही हो आप .... !!
नही हो आप ... (°०°)-
उड़ने दो उन परिंदो को,
जिनमे जान कम हैं
कल वही परिंदे
आसमान की बुलंदियो को छुयेगे....!!!!-
स्वार्थ पूर्ण मेरा रिश्ता न किसी से था ना है
और जिसे भी लगता था है लगता हैं,
उस से मेरा कोई रिश्ता नही....!!!!
Selfishness my relationship was neither with anyone nor is it..
And whoever thought or seemed,
I have no relation with him.....!!!!
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जब तक तुम मे बढ़ने की चाह नही होगी
तब तक
लोग तुम्हे धक्का तो जरूर देगे
बढ़ाने के लिये नही गिराने के लिये..!!
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मुस्कुराते हूँ मै पल पल
गम को कम करने के लिये
खुद से लड़ रहा हूँ
खुद को जिताने के लिये....
राह आसान नही हैं यहा किसी के लिये
चलना पड़ेगा यहा सबको मंजिल के लिये
दर्द मिलते रहेगे यहा हर पल लोगो के दिये
मुस्कुरा कर बढ़ता रहे यही जरूरी है तेरे लिये.!!-
किसी भी रिश्ते मे समय ज्यादा बीत चुका हो और
रिश्ता बराबरी का ना हो पाया हो और
रिश्ते मे त्याग दोनो तरफ से ना हो तो,
दूर हो जाना ही सही होता हैं....!!
(खुद के भावनाओ को दुख देकर कुछ नही)!!
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बना हूँ मै पंच तत्वों से..
रपकना सीखा जमीन से...
आखरी जीत के बाद ,
मिल जाऊंगा मिट्टी से..!!-
मै न अपना दुख दूँ न ही सुख दूँ
मैं न अपनी उम्र की दुआ दूँ
न ही मै दोखा दूँ...
मै साथ दूँ हर अपनो को
लेकिन साथ निभाने का वादा मुझे भी चाहिये...-