ज़नाब,
उनकी याद आज भी बेसुमार आती है
बुरी आदत है ना,
इतनी जल्दी कहाँ जाती है !!!!!-
From Mithila....
..मैथली हमर पहचान अछि!
बेवजह जो बरसे वो बादल मत बन
बस कर अब,
उसके प्यार में पागल मत बन !
वो काजल अब किसी और की पसंद का लगाने लगी है
तुम बेवजह अब उसकी आँखों का काजल मत बन !-
फर्क था हमदोनों के मोहब्बत में....
मुझें उससे थी, उसे मुझसे भी थी......!-
मुझे अच्छा नही लगता
लोगों से नाराज़गी जताना,
मैं नाराज़गी में भी
लोगों को हँसाना जानता हूं......!-
चाहत थी मुझे आप से, मेरे ज़िन्दगी में आने की
मगर आप तो महज़,ख्वाबों के हमसफ़र निकली !-
कुछ शब्द लिखे थे बेवफ़ाई पे, फिर सवाल हो गए,
बिख़र गए ख़्वाब सारे, फिर बवाल हो गए,
जब मिली तेरे यादों में बिखरी डायरी पुरानी,
सूखे पड़े गुलाब थे, रुख़ के गुलाल हो गए !!!-
काश एक हसींन सी रात हो
मेरें हाथों में, उसकी मुलायम सी हाथ हो
उस लम्हें को और भी खूबसूरत बनाने के लिए,
थोड़ी सी बरसात हो
ऐ ख़ुदा, मेरी यह ख़्वाईश तुझ तक पहुचें
बस इतनी मज़बूत मेरी जज़्बात हो !!!!!!-
आंखों से दूर दिल के करीब था,
मैं उसका और वो मेरा नसीब था,
न कभी मिला न कभी जुदा हुआ,
रिश्ता हम दोंनो का कितना अजीब था.-
रातों में चमकता आसमान का वो तारा ,
मेरा तो नहीं पर मेरी उन अंधेरी रातों में
पल भर की रोशनी ज़रूर है-