पेड़ खातिर मर मिटने वाला समाज जांभानी कहां गया?
नाथू की अस्थि कलश को सींचे सिंधु का पानी कहां गया??
कहां गए वो चाचा नेहरु, उस दिन गांधी कहां गया?
जब देश बंट रहा था उस दिन सच्छा हिन्दुस्तानी कहां गया??
गांधी जी से बंटवारे का एक जवाब मांगने आया हूं।
न्यायालय की चौखट पे मै न्याय मांगने आया हुं............-
कलम उठा ली है हमने वापस तो नहीं रखेंगे।
मर जाएंगे मगर देशद्रोही भाषा नहीं लिखेंगे।।-
इस अधूरी आजादी का बापू तुम्हें हकदार कहूंगा।
लेकिन बात होगी जब बंटवारे की तो बापू तुम्हें गद्दार कहूंगा।।-
सारथी साहित्य का है कर्म को अंजाम दे।
लिख रहा है सच अगर जुबां को ना लगाम दे।।-
पिस्तौल तो थी लेकिन कुछ अंहिशावादी नेता अंग्रेजो का साथ दे रहे थे, तो पहले उनको मारना जरूरी था।
-सच्चा देशभक्त
-नाथूराम गोडसे को न्याय मिले-
द्वंद्व कहां तक पाला जाए,
युद्ध कहां तक टाला जाए।
वंशज हैं तू राणा का,
फेंक जहां तक भाला जाए।-
बारह कोसां बोली पलटे, बनफल पलटे पाकां।
बरस बतीसा जोबन पलटे लखनी पलटे लाखां।।
- जय जय राजस्थान-
यात्रा विदेश कि देश त्राहि- त्राहि है,
स्वदेश के उपदेश का ये कमाल मत कीजिए।
राजनीति है दल दल डुबिए पल पल,
पर शहीदों के नाम का इस्तेमाल मत कीजिए-
सतावन में अंग्रेज रुलाए सिंघनी के वार ने।
मैसूर का मस्तक ऊंचा रखा टीपू की तलवार ने।।-
अगर पोरस अहिंसक होते, सिकंदर सेना मुड़ती क्या?
राणा प्रताप संत होते, नींद अकबर की उड़ती क्या??-