राहों में ही ठहरों ये मुकाम अच्छा है
मेरे नाम के साथ तेरा नाम अच्छा है
लौट रहा है अब काफिला घर की तरफ
बहुत उड़ लिए आसमां में अब आसियान अच्छा है
मुद्दतो बाद किसी को अपना कह कर पुकारा है
क्या इस फरेबी दुनिया में बस वो इंसान अच्छा है
जिंदगी मौत से बद्तर लगने लगीं है
जिंदगी जीने से तो मौत का पैगाम अच्छा है
न ही वो लौटा और न ही हमने क़दम बढ़ाए
अब तो ठहर जाएं ये ज़हान अच्छा है
कल एक शख्स कह रहा था तुम बदले बदले से लगते हो
मर गए हो अंदर से तो मर ही जाओ अच्छा है-
मोहब्बत नहीं बस लिखने का शौक है 🙃🙃
माता पिता सब कुछ है हमारे लिए... read more
मैं लोगो से मुलाकातें के लम्हे याद रखता हुँ
मैं बातें भूल भी जाऊं तो लहजा़ याद रखता हुँ
सरे महफ़िल निगाहें मुझ पर जिन लोगों की पड़तीं है
महफ़िलों के आइने से वह चेहरे याद रखता हूंँ
ज़रा सा हट कर चलता हूं जामाने की रिवायत से
कि जिन पर बोझ मैं डालूं वो कन्धे याद रखता हूंँ
मै यूं तो भुल जाता हुँ खारस तलक बातों की
मगर जो ज़ख्म गहरे दे वो किस्से याद रखता हूंँ
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दोस्तों की महफ़िल में मिला वो दुश्मन ही अच्छा था
जिसने कहा की मै तेरे लिए खंज़र लाया हूँ
बाकियों ने तो गुलाब के फूल में कांटे लागा कर दिए..-
बस कुछ किस्से है उसके मेरे हिस्से में
जो उन किस्सों का एक हिस्सा था वो ही मेरे पास नहीं...-
मैं कैसे कह दूँ मैंने कोई गुनाह नहीं किया खुदा
मैंने एक मर्तबा माँ से ऊँची आवाज़ में बात की थी..-
मै संभाल लेता एक बार और अगर वो शख्स गिरा होता
पर इस बार जो गिरी वो उसकी नियत थीं...-
मैं हासिल कर लूँ दोबारा उसे ये मुझे गवारा नहीं
मैंने मोहब्बत को मारा है, मैं मोहब्बत का मारा नहीं...-
चाहत ही खत्म हो गई रंगों से खेलने की
एक शख्स के खातिर कभी हम ने भी गुलाल खरीदें थे...-
हजारों हसरतें पल कर रखते हैं हम ग़म में रोने के
इक चेहरा मुस्कुराता मेरी माँ का मेरे चेहरे पर मुस्कान ले आता है...-
हिम्मत रखो सही को सही और गलत को गलत कहने की
वरना आवाजों में एकता तो कुत्तो की भी होती है...-