INTERNATIONAL WOMEN'S DAY
थकी हो तो आराम कर लो ना,
सुनो ना मां थोड़ा व्यायाम कर लो ना,
सुबह से लेकर शाम तक यूं ही काम करती है,
ना जाने कब मेरी मां आराम करती है !
बड़ी बहन है वह घर में छोटों को शिक्षित कर आएगी,
सुनो बेटी अब बड़ी हो गई है ,कब ससुराल जाएगी ,
उनके कंधों पर भी घर का भार होता है,
बेटों से नहीं बेटियों से भी परिवार होता है!
मेरी दोस्त है वह उस पर सब का पहरा भी होगा ,
लड़की है तो क्या हुआ ,अब उस पर सब का भरोसा भी होगा ,
खुद रो कर भी वह अपनों को बचाएगी,
वह औरत है साहब दोस्त ,मां, प्रेमी हर एक रिश्ता निभाएगी!-
Vikas Sony
(Vikas sony)
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Poet by choice , Engineer by Profession.
Joined 28 June 2018
6 MAR 2022 AT 21:11
10 NOV 2021 AT 22:02
दिखाई नही देता तुम्हे
कोई है जो तेरा इंतेजार अक्शर तेरे ही शहर मे करता है-
10 NOV 2021 AT 21:58
इंतेजार है उसका एक झलक दिख जाने का
इंतेजार है उसको बस दूर से ही निहारने का
इंतेजार है उसकी आँखो मे खो जाने का
इंतेजार है उसका उसके ही शहर मे आने का-
8 SEP 2021 AT 0:25
अगर कभी वक्त मिले तो पूछना उस से
कहाँ गया वो वक्त जिस वक्त हम साथ हुआ करते थे-
8 SEP 2021 AT 0:23
मेरे अंधेरे जीवन में खुशियाँ भर दो ना
ये आधा अधूरा दिल है मेरा तुम पूरा कर दो ना-
8 SEP 2021 AT 0:21
तुम और मैं जैसे हम हो जाते थे
एक दूजे मे जब हम खो जाते थे
कब तक याद करूँ तेरे वादे
साथ तेरा पा कर हम हमदम हो जाते थे
-
22 AUG 2021 AT 1:32
रचाई होगी मेहंदी उसने अपने हाथो में यारों
यकीन है मेरे नाम का अक्षर छिपाया होगा कहीं-
21 AUG 2021 AT 14:00
इश्क़ महकता रहता है इसे महकने दो ना
क्यु इसमे नज़रे लगा कर सुगंध मिटा रहे हो-