आज जब चांद आएगा तो एक बात, पूछूँगा उससे !
कैसे कटती हैं बिना चाँदनी के रात, पूछूँगा उससे !!
उसको भी खलती होगी कमी तो, उसकी भी जरूर !
क्या वो भी मुतास्सिर हैं उसकी बात से, पूछूँगा उससे !!-
तेरी साँसों में अपनी साँसे मिला दूँ, तेरे होंठों का रस अपने होंठो को पिला दूँ !
तुझे बाहों में भरकर इस कदर प्यार दूँ, तेरी रूह से अपनी रूह को मिला दूँ !!-
तेरी साँसों में अपनी साँसे मिला दूँ, तेरे होंठों का रस अपने होंठो को पिला दूँ !
तुझे बाहों में भरकर इस कदर प्यार दूँ, तेरी रूह से अपनी रूह को मिला दूँ !!-
कैसे कहूँ कि मैं क्या चाहता हूँ, मैं बस अब तुझे मेरी जाँ चाहता हूँ !
तेरे हाथों में कमल भी शबाब हों जाए, तेरे पहलू में ज़रा सी पनाह चाहता हूँ !!-
मैं चुभता हूँ लोगों को काँटे की तरह,
रहता हूँ मैं नमक और आटे की तरह !
मैं भूल जाऊँ किसी को मुमकिन हों,
लोग मुझे भुल नही पाते एक बड़े घाटे की तरह !!-
मेरे पे ना जाने कितने हैं, इस दुनिया के इल्ज़ाम,
तू हो जाएगा मेरे साथ गुमनाम, तू मेरे साथ ना चल !
मेरे साथ जब आएगा तेरा नाम, तू भी हों जाएगा बदनाम,
कैसे काटोगें मेरे साथ तुम उम्र तमाम, तू मेरे साथ ना चल !
तू चमक भरी सुबह की धूप सी हैं, मैं ग़मों से भरी शाम,
अंधेरों से भरें हैं मेरे सारे मुक़ाम, तू मेरे साथ ना चल !
मेरी ये मश्वरत आएगी तेरे काम,
तू मेरे साथ ना चल,
तू मेरे साथ ना चल....!!-
तेरे साथ यूँ ही बैठे-बैठे, अपनी तमाम उम्र गुज़ार दूँ !
तुझे लगे ना कोई बदनज़र, आ तेरी नज़र उतार दूँ !!-
कि अब जो दिल-ए-चुभन-ए-सिर्र जज़्ब हैं बता भी देना !
पुराने खतों का एक-एक हर्फ़ पड़ना, फ़िर जला भी देना !!-