हसने की सारी वजह छीन ली उसने
हम भी ढीठ इतने ह साहब की
अब हम बे वजह मुस्कुरा लेते ह-
सोचो कितना रोया होगा
वो शीशा भी
जो खुद भी टूट गया
और दूसरों को भी चुभ गया-
एक हद में था सब कुछ
फिर अचानक सब कुछ हद से पार हो गया
पता ही नही लगा कब प्यार हो गया-
हरियाणवी
तेरे खातर मेरा प्यार लाखा आशिका ते ऊपर है
अर चा तू बेवफा ना निकली शुक्र है
हिंदी
तुम्हारे लिए मेरा प्यार लाखो आशिको से ऊपर है
चाय तुम बेवफा नही निकली शुक्र है-
सुना है मोहब्बत के अनेक रंग होते है
तो फिर हम दोनों सब रंगों को अपने मे संजो कर एक हो जाऐ है 😘😘😘-
तुम्हारे होटो की हंसी देख कर
इस नालायक से लड़के की हंसी भी देखने लायक हो जाती है-
कागज की नाव में सवार था बचपन
पता नही कब बचपन को ही किनारे लगा दिया
बैठा कर जवानी की कश्ती में
हाथों में जिम्मेदारीयो का चपु पकड़ा दिया
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हम उनके झूठ पर भी ऐतबार कर बैठे
और वो हमारे ऐतबार के सहारे पर व्यापर कर बैठे
उन्होंने बेच दिया हमे पूरे संसार मे
और हम उन्हें अपना पूरा संसार कह बैठे
हम उनके झूठ पर भी ऐतबार कर बैठे
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