तुझ से दूर रहकर मोहब्बत बढती जा रही हैं..
क्या कहूँ, कैसे कहूँ ये दुरी तुझे और
करीब ला रही हैं.-
#vikasmaurya
मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,
बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है,
तो दिल में आग लग जाती है।-
जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है,
दरख्तों तुम्हारा इम्तहान बाकी है.
बादलों अब तो बरस जाओ सूखी जमीनों पर,
किसी का मकान गिरवी है और किसी का लगान बाकी है.-
lockdown में दूरी हुई तो वह इतनी करीब हुई
फासले मिट गए दिल के मोहब्बत खुशनसीब हुई |-
लॉकडाउन में हम क़ैद हैं
बिन सलाख़ों के,
दिल में हैं उजाले
तेरी आंखों के...
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तेरा दिन नहीं,
एक दौर आयेगा,
कर तू अथक मेहनत,
तू ज़माने से नहीं,
ज़माना तुझसे कहलाएगा।-
चांद को देख उसने मेरी लंबी उम्र की दुआ की,
और छन्नी के पार उसे देख मन किया कि मेरी उम्र उसे लग जाए...-
माँ, मेरी शादी वाले दिन,
न मैं सोने से लदी रहना चाहती हूँ
और न दहेज देकर
किसी को अपना बनाना चाहती हूँ
मैं बस इतना चाहती हूँ कि
मेरे माँ पापा ख़ुश हो
और मुझे ढ़ेर सारा आशीर्वाद दे।
माँ, लोगों की बातों पर
तुम ध्यान कतई न देना
लोगों का काम है कहना
और कहते रहेंगें वो
बस तुम इतना देखना कि
मेरे असली अपने मेरे साथ हो
उस दिन जैसे आज तक रहे है।
जो उस दिन भी चीज़ों में कमी निकाले
समझ जाना कि वो हमारे अपने कभी थे ही नहीं।-
जब तक न देखें चेहरा आपका,
न सफल हो ये त्यौहार हमारा,
आपके बिना क्या है ये जीवन हमारा,
जल्दी आओं और दिखाओं अपनी सूरत,
और कर दो करवा चौथ सफल हमारा।-