Yar ki ruswaiya ...
Gum ki parchaiyaa...waah re mohabbat tere hi dard or teri hi dawaiyaa...-
Vikas Kashyap
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Finally Set in _ govt. Sector.
Joined 4 February 2019
25 JAN 2022 AT 22:17
14 OCT 2021 AT 18:13
मिला वो भी नहीं करते,
मिला हम भी नहीं करते,
वफा वो भी नहीं करते,
वफा हम भी नहीं करते,
उन्हें रुसवाई का दुख है,
हमें तनहाई का दुख है,
गिला वो भी नहीं करते,
गिला हम भी नहीं करते,
गली के किसी मोड पे..
टकराव हो ही जाता है,
रुका वो भी नहीं करते,
रुका हम भी नहीं करते.-
14 SEP 2021 AT 23:02
…हर एक मुफ़्तालिफ के लिए पयाम है हम ,
कही है ज़हर का प्याला , तो कही पर जाम है हम !…-
19 MAY 2021 AT 21:21
आज की बात फिर नहीं होगी
.........ऐसी मुलाक़ात फिर नहीं होगी
......ऐसे बादल तो फिर भी आएँगे...
मगर इस रात जैसी बरसात फिर नहीं होगी....-