Vikas joshi, life support   (Vikas Joshi life support)
46 Followers · 25 Following

read more
Joined 26 April 2020


read more
Joined 26 April 2020

इज्ज़त को डर बेइज्जती से ही है,
लगे हैं कुछ लोग इज्ज़त बचाने में,
तो कुछ लगे हैं इज्ज़त कमाने में,
कुछ लोग लगे इज़्ज़त बनाने में ।

-



समय मेरा भी बदलेगा,
अभी ना जोर आजमाइश कर मुझसे
टूटी जो डोर तो बिखर जायेंगे रिश्ते

-



गलत हो या दही कुछ तो करो,
बीना कुछ किए तजुर्बा कैसे हो ?

-



खुश्क हो चुके दरियाए मोहब्बत को
बहते अश्क से एक सहारा मिला है ।

-



तेरे दीदार से एक सहारा मिला है,
डूब गई होती कश्ती इश्क की मेरी,
तेरे अश्क से एक सहारा मिला है ।

-



किया वादा तो था उसने ,
मेरे साथ चलने का,
मगर क्यों कर लिया इरादा,
मेरे संग चाल चलने का ??

या तो नज़रों में उसके,
समा गया है कोई,
या नज़रिया ही उसका
बदल गया है !!

-



जो बात जुबां से कहने की थी,
वो आंखों से कहना आ गया ।
दर्द छुपाना आ गया,
जो समझ कर नासमझ बने रहें,
उन लोगों से दूरी बनाना आ गया ।
दर्द छुपाना आ गया,
जो छुपे थे सांप आस्तिन में मेरे,
तो मुझे अब कुर्ता बदलना आ गया ।
दर्द छुपाना आ गया ....
दर्द छुपाना आ गया,...

-



आसमा है नीला जिसे
" आकाश " कहते हैं,
धरती पर जो है हरियाली उसे
" घास " कराते हैं
आपसे मुखातिब है ये बांदा
इसे " विकास " कहते हैं

-



क्यों उसके लिए सोचते हो?
उसके जमीर ने मेरे जमीं पे,
कर अतिक्रमण मुझे तो मेरे,
ही दिल की जमीं से बेदखल,
कर उसे वक्फ कर दीया।

हम करते रहे ईश्क मे इबादत ,
वो इबादत मैं तिजारत कर गया ।

-



कर के डर ने दर दर भटका दिया
कर से कर्म ने कर्जदार बना दिय
उम्मीद का चिराग रौशन हो क्यूं कर
जब नाउम्मीदी का चिराग़ लगा दिया
मेहनत, सच्चाई, सत्यनिष्ठा की परख
यूं ना कर पाए जानकार क्योंकि उनकी
आंखों पे चापलूस ने चस्मा लगा दिया
आखिर करता भी क्या वो मेहनतकश
बहा के पसीना कर्म क्षेत्र में आखिर तो
उसके सहित परिवार को भी उसके
तंगहाली में रह के भूखा सोना पड़ा ।

-


Fetching Vikas joshi, life support Quotes