तेरी खुशियों को कमाने के लिए मेहनत करता मैं..
आज फिर थका हारा तेरा इंतजार कर रहा हूं ...!!-
शाम को रोक कर बैठा हूं मैं इस बहाने से...
आओगी तुम बात करने वक्त निकाल कर जमाने से ..!!-
आज मन है तुझमें खुदको खोने का,
ये सही वक्त नही बोल इनकार ना कर....!
मेरे होठों के करीब है होठ तेरे,
अब ऐसे में सराफत की बात ना कर..!
करने दे जी भर के गुस्ताखियां आज मुझे,
की अब इजाजत की बात ना कर..!
करती है मदहोश ये उड़ती हुई जुल्फे तेरी,
अब इन्हें बांधकर तू मुझे निराश ना कर ..!
आज मन है तुझमें खुदको खोने का,
ये सही वक्त नही बोल इनकार ना कर....!-
आज अपनी कीमत पता चली....2
जब उसने जरूरत पड़ने पर आवाज लगाई मुझे ..!!-
वक्त को देख मुस्कुरा रहा था मैं....
तू भी इंसानों जैसा है _जरूरत पड़ने पर रुकता नही है!!-
खामोशी से बेवजह हमे छोड दिया जिसने..
उनकी यादें आज भी कानो में शोर मचा रही है ..!!-
अब मन नही करता किसी से बात करने का...
आदत बनकर दूर जाने का हम करीब से देखा है हमने..!!-
है श्री कृष्ण......मुझे भी वो राधा चाहिए
जिसके प्रेम में इतनी ज़िद थी की अभी साथ खड़ी है!!-
इंतजार था इंतजार है इंतजार करते रहेंगे गुनाह थोड़ी है
प्यार था प्यार है प्यार करते रहेंगे मना थोड़ी है..!!-