दुश्मनों का क्या है कहेना जब अपना ही अपना न होनामैफिल भी सजेगी सिर्फ वहाँ प्यार नहीं धोखे की आग भड़केगी.... - सुवर्णहास्य
दुश्मनों का क्या है कहेना जब अपना ही अपना न होनामैफिल भी सजेगी सिर्फ वहाँ प्यार नहीं धोखे की आग भड़केगी....
- सुवर्णहास्य