""याद करा जहिया कुँवार रहलु...""
""पियवा से पहले हमार रहलु....""
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चाहे पहले कोई पटी हो या न पटी हो ,चाहे पहले तुम कितना भी शरीफ रहे हो पर विसर्जन में अगर तुम इस गाना पर नहीं नाचे तो तुम्हारा #सरस्वती_पूजा बेकार।डीजे में इस गाना पर नाचने का अपना ही रूतबा और अपना ही मजा है ।
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सारे गुलाल में नहाये हुए लौंडे बदहवास से नाचे जा रहे थे ।कुछ-एक ने केन लिया हुआ था और इस उम्र में जोश की कमी कभी होती ही नहीं ।
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भले साढ़े-नौ बज गये थे पर मुंशी-पोखर भी ज्यादा दूर नहीं था ।बस मस्जिद चौक पार करते ही दस मिनट पर पोखर था ,वही 'माँ' का विसर्जन होना था ।
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लौंडे पैर थिरकाये जा रहे थे,हाथ हवा में उठाये जा रहे थे ,गुलाल उडाये जा रहे थे कि अचानक एक पत्थर उड़ता हुआ आया और प्रतिमा पर लगी ,फिर इसके पीछे और पत्थर उड़ते हुए आए,फिर पत्थरों की बारिश ...
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किल्क करके पूरा पढ़ें- Vikas Mahto
30 JAN 2018 AT 13:55