हैरान हूँ देखकर रिवाज़ दुनिया का ,
की अब झूट बोल कर भी लोग शर्मिंदा नहीं होते …-
तेरा कुछ कुछ मैं हूँ,और मेरा सब कुछ तू है।
दुःख पीछे की ओर देखता है
चिन्ता इधर उधर देखती है
केवल विश्वास और उम्मीद ही है
जो हमेशा आगे की ओर देखता है
इसलिए विश्वास और उम्मीद की रौशनी कभी बुझने ना दें-
जिस धागे की गांठे खुल सकती है उस धागे पर कैंची नहीं चलानी चाहिए
किसी की कोई बात बुरी लगे तो दो तरह से सोचे ,
यदि व्यक्ति महत्वपूर्ण है तो बात भूल जाए और बात महत्वपूर्ण है तो व्यक्ति को भूल जाए !
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लबों पे उदासियाँ ,
आँखो में नमी है तो क्या हुआ
गुलिस्ताँ में फिर से गुल खिलेंगे
बिछड़ गए रास्ते तो क्या हुआ
मंजिल पे हमसफ़र फिर से मिलेंगे-
यूँ हीं जी का चुराना कब तक
समय कभी किसी का हुआ नहीं
ऐसा क्या है जो इंसान से हुआ नहीं
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पहले सोचो फिर कुछ बोलो
बिना वजह भी मुँह मत खोलो
बिन सोचे कुछ भी जो बोलोगे
अपनी कदर को खो दोगे-
फसल बारिश से होती है बाढ़ से नहीं ,
इसलिए अति उत्साह से बचना चाहिए …!-
दोड़ती भागती दुनिया का यही तौफा है ,
खूब लुटाते रहे अपनापन फिर भी लोग खफ़ा है !-
किसी भी रिश्ते को जीवंत रखने के लिये हृदय से प्रेम अति आवश्यक है !
लोग अफ़सोस से कहते है की कोई किसीका नहीं ,
लेकिन कोई यह नहीं सोचता की हम किसके हुए …-