विकाश कुमार मिश्रा   (कलमबाज़✍️)
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चेहरे पे नूर हो न हो..
पर शब्दों के हुनर से सदा जगमगाता रहूंगा..!!
Joined 18 November 2018


चेहरे पे नूर हो न हो..
पर शब्दों के हुनर से सदा जगमगाता रहूंगा..!!
Joined 18 November 2018

हम मशरूफ़ रहे अपनी जिम्मेवारियों में और वक़्त गुज़रता गया..
और ऐसे ही देखते देखते 2024 ने भी दस्तक दे दिया..!!

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हर आरंभ का एक नियत समय पे अंत होता है..
जैसे कैलेंडर में ही दिसंबर साल का आखिरी मंथ होता है..!!

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बुराई पे अच्छाई कि सदा ही जीत होती है..
जला दो होलिका के संग सब अहंकार होली में..!!

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शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है..
शिव बुध्दि, शिव चित, शिव मन विभोर है ।।

शिव रात्रि, शिव दिवस, शिव स्वप्न शयन है..
शिव काल, शिव कला, शिव मास-अयन है ।।

शिव शब्द, शिव अर्थ, शिव ही परमार्थ है..
शिव कर्म, शिव भाग्य, शिव पुरूषार्थ है ।।

शिव स्नेह, शिव राग, शिव ही अनुराग है..
शिव कली, शिव कुसुम, शिव ही पराग है ।।

शिव भोग, शिव त्याग, शिव तत्व ज्ञान है..
शिव भक्ति, शिव प्रेम, शिव ही विज्ञान है ।।

शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष, शिव परम साध्य है..
शिव जीव, शिव बह्मा, शिव ही आराध्य है..।।

।।।ॐ नमः शिवाय।।।

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तेज रफ़्तार जिंदगी का आलम कुछ ऐसा है..
कि कैलेंडर कब 22 से 23 हुआ पता भी ना चला..!!

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दोस्ती अब कुछ यादों के हिस्सों में बची है..
मेरी कहानी और उसके किस्सों में बची है..!!

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इस मौसम से कहे कोई कि अब तो जरा रुख बदले..
सावन भी अब आ चूका, ये बरसता क्यूँ नहीं..!!

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है फाल्गुन की ये मस्ती, डूबी है फ़ाग में बस्ती,
फ़िज़ाओं में भी भर गया है, खुमार होली में..

उड़ा के इन हवाओं में बहार-ए-रंग की मस्ती,
झूमे सराबोर होकर हम कुछ इस बार होली में..

इधर जब घर से मैं निकलूं, उधर घर से निकलना तू,
लगा कर गाल पर अबीर-ए-रंग करूँ इज़हार होली में..

भुलाकर मजहबी बातें, चलो कुछ प्यार यूँ बाटें,
सब एक हो जाएं, सभी त्योहार होली में..

लगा अबीर गालों में गले से गले मिल ले, बड़ो के पैर पे डालें,
कुछ पर्व ने सिखलाया है संस्कार होली में..

सब छोड़ कर के काम, इस दिन को घर के नाम,
मनाये एक होकर हम सब परिवार होली में..

है प्यार की होली, तू सुन ले ए हमजोली,
हमारा ये मिलन है जैसे ये झंकार होली में..

होली था उस होली में, होली है इस होली में,
मनाये होली की होली, यूँ ही हर बार होली में..!!

#HappyHoli

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है फाल्गुन की ये मस्ती, डूबी है फ़ाग में बस्ती,
फ़िज़ाओं में भी भर गया है, खुमार होली में..

उड़ा के इन हवाओं में बहार-ए-रंग की मस्ती,
झूमे सराबोर होकर हम कुछ इस बार होली में..

इधर जब घर से मैं निकलूं, उधर घर से निकलना तू,
लगा कर गाल पर अबीर-ए-रंग करूँ इज़हार होली में..

भुलाकर मजहबी बातें, चलो कुछ प्यार यूँ बाटें,
सब एक हो जाएं, सभी त्योहार होली में..

लगा अबीर गालों में गले से गले मिल ले, बड़ो के पैर पे डालें,
कुछ पर्व ने सिखलाया है संस्कार होली में..

सब छोड़ कर के काम, इस दिन को घर के नाम,
मनाये एक होकर हम सब परिवार होली में..

है प्यार की होली, तू सुन ले ए हमजोली,
हमारा ये मिलन है जैसे ये झंकार होली में..

होली था उस होली में, होली है इस होली में,
मनाये होली की होली, यूँ ही हर बार होली में..!!

#HappyHoli

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बदलता मौसम ये इशारा जता रही है..
लगता है सर्दियाँ शहर से जा रही है..!!

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