चलो आज एक बात बताता हूं,
खामोशी से अपनी मैं आज ये पर्दा उठाता हूं।
आसान नहीं है ये ज़िंदगी मेरी भी,
बस मैं हर बात को हस कर झेल जाता हूं।
ख़ामोश हो जाता हूं, जब शब्द गुस्से का रूप लेते हैं,
छोटी नहीं है ज़िंदगी, ये सोच कर हर शब्द को कड़वा घूंट समझ पी जाता हूं।
खामियां है मुझमें, ये बात में सबको बेझिझक बताता हूं,
पर सबको खुश रखने की कोशिश पूरे दिल से निभाता हूं।
हां ये खयालात है मेरे जो कभी अच्छे और कभी बुरे बन जाते हैं,
पर इन खयालातो को में अपने तजुर्बे से तोल कर ज़िंदगी यूंही बिताता हूं।-
Insta -- @kayasth_putra / @vij... read more
AASAN NAHI HAI HAR KISI KO KHUSH RAKHNA,
YUHI NAHI WAKT KE SAATH RISHTE KAMJOR HO JATE HAI.
LAKH KOSHISHE KARLE INSAAN, PR APNE KHAFA HO HI JATE HAI.-
Na jane kyu dil aaj gum sa hai,
Har lamha bs tere hi khaal sa hai..
Yun to gujare hai din Kai tere bina
Pr aaj din ki bhi intehaan ho gyi..-
बेइंतहां प्यार है उससे,
पर उसे हम ये बताये कैसे।।
रूठ कर बैठे है जो हमसे,
उन्हें हम मनाये कैसे।।
कह दे एक बार तो हर हद पार कर के दिखा दे,
पर जो कुछ कहता ही नही, ए ख़ुदा तू ही बता उसके लिए हम कुछ करें कैसे।।
नाराज़गी है तो बेशक, सज़ा के हकदार हम हैं।
पर एक ही पल में पराया बना दे ऐसी सज़ा हम निभएँ कैसे।।
बेइंतहां प्यार है उससे,
पर उसे हम ये बताये कैसे।।
-
हर खुशी तेरे संघ हम बाटेंगे,
तेरे हर गम को तेरे दिल से निकलेंगे।
बस साथ देना मेरा तू ज़िंदगी के हर मोड़ पर,
वादा हैं तुझसे,
तेरी हर ख्वाहिश को हकीकत बनाकर अपने सपनों का आशियाना सजाएंगे।।-
Wakt gujar gya hai,
Bs yaaden baaki hai..
Us ek insaan ki bs ab baaten baaki hai !
Kya tha kesa tha,
Achha tha ya bura tha..
Kya ghata kese hua,
Khud kiya ya krne pr majboor kiya..
Aaj bhi sawaalon me uljhi hai zindgi ki aakhri kahani uski,
Jiska sara jeevan ek khuli kitaab tha...!!-
Zindgi me aaye tum kuchh iss kadar,
Kissa to bne pr jiska zikra hua na magar-
कैसा मंज़र है ये जिंदगी का,
जहां रिश्तों को बचाने की कोशिश में, इंसान
ख़ुद में ही इतना टूट जाता है।।
-