Vijayant Kumar  
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Joined 21 June 2018


Joined 21 June 2018
2 JAN 2022 AT 21:25

एक शख्स से बातें क्या बंद हुई,
हम ख़ामोश ही रहने लगे।

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2 JAN 2022 AT 0:57

कुछ दर्द कहे जा सकते है,
कुछ दर्द सिर्फ सहे जा सकते।

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16 NOV 2021 AT 19:39

मोक्ष
मृत्यु का अस्तित्व
विलीन कर देता है।

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28 FEB 2021 AT 0:33

ख़ुद से भी बातें करने की आदत होनी चाहिए,
ज़िन्दगी में कभी न कभी काम आ ही जाती है.!!

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24 FEB 2021 AT 18:52

हमसफ़र तो बहुत मिलते हैं
पर चलना अकेले ही पड़ता है.!

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15 FEB 2021 AT 0:31

कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरवरी,
यूं ही नहीं किसी ने इसके दिन घटाएं है।

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5 FEB 2021 AT 21:39

ख़ुद से भी खुल के नहीं मिलते हम,
आप क्या ख़ाक जानते हो हमे.!

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9 JAN 2021 AT 15:11

जनवरी की हवाएं ये सर्द,
और कुछ अन कहे दर्द,
कमबख्त तकलीफ दोनों देते हैं.!!

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23 DEC 2020 AT 13:10

रिश्तों के अनुसार ख़ुद को ढाले,
ना की ख़ुद के अनुसार रिश्तों को.!

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21 DEC 2020 AT 8:24

समय समय की बात है..
जब रिश्ते की डोर मजबूत हो तो ,
लोग इशारे से सब समझ लेते हैं।
पर जब कमजोर हो जाए तो,
देख कर भी कुछ नहीं समझते.!

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