की है खता तो सजा का हकदार भी हूँ. मैं उसका इश्क भी हूँ, मैं उसका गुनहगार भी हूँ. अपने दर्द से समझे, वो तकलीफ मेरे दर्द की, मैं तकलीफ में भी हूँ मैं शर्मसार भी हूँ.
चिलचिलाती धूप में ख्वाहिश-ए-बारिस हो तुम. आखरी इश्क मेरा आखरी ख्वाहिश हो तुम. सुन तो लेता हूँ हर किसी की फरमाइश कभी कभी, पर मेरी सांसों की पसन्द और फरमाइश हो तुम.
जब भी दिखती थी उसकी मुस्कुराती तस्वीर मेरी किताब में, एक एक शब्द बस जाता था मेरे जहन में, मेरी याद में। जब से वो रूठ गया है मेरी जरा सी बात में। तब से किताब खोलता हूं तो मन करता है पढूंगा बाद में।
गुलाब से होठ तेरे कानों में रंगीन सितारा है. नशे में हूं जब से तूने मुझको निहारा है. छू कर देख ले लग जायेगी स्याही तेरे हाथों में, मैंने अभी अभी तेरे हुस्न को कागज पर उतारा है.
चादर तकिया पंखा विस्तर सबसे अनबन लगती है. अधर तेरे मधुशाला गोरी, जुल्फें मधुुवन लगती हैं. तेरी इजाज़त से ओढूं तुझको, तू मेरा जीवन लगती है. आँखें तेरी गहरा सागर, सांसें चन्दन लगती हैं
Samet le andhero ko baahon me apni, Ki unhe bhi thoda ujaala mil jaay. Tqdap unki bhi hogi chaand ko chhone ki, Ki teri baaho me aa kr unhe bhi tere hushn ka niwaala mil jaay.
तुझपे उठे सवाल तो वो सवाल गलत है. सोचो तुझमे है कमी तो ये ख्याल गलत है. हर किसी की किस्मत में जन्नत सा रिश्ता नही होता, जन्नत ही करे मलाल तो ये मलाल गलत है.