पूछना जो चाहते हो,
वो सवाल भी मिल जाएगा,
खोलोगे अगर वो पूरानी किताब,
तो मेरा गुलाब भी मिल जाएगा,
इंतजार मे सूख तो गया होगा,
पर टूटा नहीं होगा,
बात को समझोगे तो जनाब,
जवाब भी मिल जाएगा ।।-
HR31, IITian.
Crazy enough,
Thinker tough,
Everything hidden... read more
ये किसके लिए लिखा था ?,
हर बार की शिकायत है,
मुझ पर तो कभी लिखते नहीं !
मुझसे मेरे यार की शिकायत है ।।
आपकी हर खूबी हर बात नजाकत के साथ लिखते,
ना दिन में आराम करते, बिना थके पूरी रात लिखते,
बहके से इस मन के अब क्या ही खयालात लिखते,
तुम्हें सोचकर जो होश में रहते तो ना कोई बात लिखते ।।
ये किसके लिए लिखा था ?
ये जो तुम्हारी हर बार की शिकायत है,
मै तो उलझन में समझ बैठा हूं की
इंतजार की शिकायत है,
इकरार की शिकायत है,
शायद प्यार की शिकायत है ।।-
तूम खत लिखो हम जवाब देगें,
बहलाने के लिए ना गुलाब देगें,
जो दूर होने का मलाल एक खत में लिख पाए,
हम मलालो से भरी एक किताब देंगे,
जिस मन लागे, वो मन जाने,
हम भी अपनी व्याकुलता का हिसाब देगें,
तूम खत लिखो हम जवाब देगें ।।-
मर्म, शर्म और ये बेचैनी, है कैसी कशमकश साहब,
बातों पर हो भी जाए, मन पर किसका बस साहब ।
मिलते नहीं कभी मिलकर भी,
कभी मिल लेते हैं ना मिलकर भी,
और भी बताने लगे हैं,
कि दिखते हो बड़े खुश साहब ।
अब क्या कहें क्या ना कहें हो जाते हैं बेबस साहब,
बातों पर हो भी जाए, मन पर किसका बस साहब ।।-
रास्ते तुम्हें चुन रहे हैं या तुम रास्तों को,
शामिल इसी में है
भगवान का होना ना होना ।।-
समझना चाहूं भी तो, समझाते नहीं हो,
बात कोई तो है, पर बताते नहीं हो,
खैर मैं क्या ही जाऊं तेरी यादों के परे,
पर तुम हँसते तो हो, हां मुस्कुराते नहीं हो ।।-
पढ़कर एक किताब ख्याल आया की वास्तव मे एक कहानी चल रही है,
किसी का बचपन, किसी का बुढ़ापा और किसी की जवानी चल रही है ।।
किसी को मासूम की भूमिका मिली है, चालबाजी की किसी को यहाँ,
क्या अजीब नही किसी पर जुल्म होना, और किसी पर मेहरबानी चल रही है ।।
बात इकरार इंकार की हजम कर गया कोई, किसी ने निकाल फेंकी है,
कहानी में कहानी कभी रानी सिपाही चल रही है, कभी राजा नौकरानी चल रही है ।।
वो जो किताब पढ़ी मैने, उस कहानी की इस कहानी में भूमिका समझूं भी तो,
वो कहानी इस कहानी में एक पात्र की कहानी में कहानी चल रही है ।।
पात्र कितने हैं इस कहानी में की कोई जान भी तो नही पाएगा कभी,
यहाँ तक पढ़कर आपको समझ आया क्या,
यहाँ कहानी आप ही की है या बेगानी चल रही है ?-
साहस बताने को थी चांद तारे तोड़ने की बात,
वर्ना प्रेम है अगर तो इंसान से फूल भी ना टूटे ।।-
मुझे खुशी के आंसू भी नहीं आते,
इतना कठोर हूं,
मैं दुःख महसूस नहीं कर पाता,
इतना कमजोर हूं ।
मैं, मैं हूं,
सच मे,
मैं, कोई और हूं ।।-