Vijay Sharma   (आ. विजय भारद्वाज)
3 Followers · 3 Following

Educator
Joined 22 September 2019


Educator
Joined 22 September 2019
10 JUL 2021 AT 6:25

प्रेम की अवस्था शब्दों की पहुंच से परे है।

-


18 MAY 2021 AT 21:27

इक समंदर ने आवाज़ दी ‘मुझको पानी पिला दीजिए।’

-


26 APR 2021 AT 8:19

रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो तो भी एक अच्छा जुता पहनकर उस पर चला जा सकता है.. लेकिन अगर एक अच्छे जूते के अंदर एक भी कंकड़ हो तो एक अच्छी सड़क पर भी कुछ कदम तक चलना भी मुश्किल है, मतलब की...
बाहर की चुनौतियों से नहीं हम अपने अंदर की कमज़ोरियों से हारते हैं..

-


26 APR 2021 AT 8:07

हर शख़्स मुझे जिंदगी जीने का सलीका सिखाता है, कैसे कहूँ इक ख़्वाब अधूरा है
मेरा वरना जीना तो मुझे भी आता है.

-


26 APR 2021 AT 8:06

ऐ उड़ते परिंदे, कुछ तो दुआ दे खुले आसमान की...
पिंजरे का दर्द क्या है, अब समझ चुका है इंसान भी !!!
#लॉकडाउन

-


28 MAR 2021 AT 13:27

शक्ति का सदुपयोग करें दुरुपयोग नहीं,
होलिका को वरदान था कि अग्नि उसे हानि नहीं पहुंचा सकती। इस वरदान का दुरुपयोग करके उसने प्रह्लाद को जलाने की चेष्टा की और खुद जल गई।

छोटी होली (होलिका दहन) की आप सभी को सपरिवार ढ़ेरों शुभकामनाएं
❤️ 🙏❤️😊

-


20 MAR 2021 AT 7:14

कभी कभी स्वीकार करने के अलावा
आपके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होता।

-


17 MAR 2021 AT 10:59

हे फलक के चाँद हमने भी एक चाँद देखा है...
तुझ में तो है दाग हमने वो बे दाग देखा है

-


6 MAR 2021 AT 7:56

तू दौड़ने की चाह तो रख...
हवा को भी ना चाहते हुए तेरे लिए चलना ही पड़ेगा।

-


6 MAR 2021 AT 7:54

ज़िंदगी आसान नहीं होती,
इसे आसान बनाना पड़ता है...
कुछ अन्दाज़ से तो कुछ नजरंदाज से।

-


Fetching Vijay Sharma Quotes