Vijay S Saraswat   (Vijay Parag)
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आना जरा संभल कर, जाना आसान नहीं ....
Joined 23 September 2020


आना जरा संभल कर, जाना आसान नहीं ....
Joined 23 September 2020
25 MAR AT 13:07

होली के रंग हजार हैं, सब ही खेलो आज
रंग बरसत चहुं ओर है, बंद.... हुए बाजार
बंद हुए बाजार, फाग गावत नर और नारी
पिचकारी की धार बनी ज्यूं निकलत है गोली
साल भर का त्यौहार है, मिलकर खेलो होली ।।

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29 FEB AT 23:49

तुम्हारी आंखों सा तूफान सुनो, मयकदा में.. क्या होगा
तेरे अधरों से जब पिया हो नशा, प्रिये मदिरा में...क्या होगा

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29 FEB AT 23:37


खूबसूरत तो तुम हो ही बहुत, मन भी खूबसूरत तुम्हारा,
सोने पे सुहागा हो, क्यूं न डोले फिर मन..... हमारा

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22 FEB AT 23:50

खूबसूरती तुझसे है पूरे जहां में ...तुझे सजने की जरूरत नहीं है
इश्क दिखता है तेरी आंखों में.... तुझे कहने की जरूरत नहीं है

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21 FEB AT 0:09

मयकदे की राह न गुजरा फिर कभी...लबों से तेरे पीने के बाद
तस्वीरों की ओर न उठी नजर कभी.... तुझसे नजर मिलने के बाद

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17 FEB AT 23:16

मन को तसल्ली देता है यूं तेरा फख्र से एतबार देना
एक जनम तो क्या सौ भी मुमकिन है इंतज़ार कर लेना

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12 FEB AT 23:35

बाहों में प्रियतम, आंखों में सितारे हैं
जरा संभल कर ख्वाब सजाना
बड़ा बेदर्द जमाना है ये
सब.....इश्क के ही मारे हैं

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12 FEB AT 23:26

कब से तेरे दीदार को तरसा
सावन आया जरूर हर बार
मगर आज तक न बरसा
यूं न मुझको एतवार दे मिलने का
शोर नहीं होता दिल के टूटने का

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12 FEB AT 23:19

सुहाना मौसम है इसको न तुम..... Miss करो
आओ गले लगो और जल्दी से मुझे... 💋 करो

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12 FEB AT 23:16

ये जो ऋतु आई है इसको आदर अभिनंदन दो
इसके फूल है हम.... हमको अपना आलिंगन दो

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