तो दर्द देता कौन हैं,???
आज बहुत कुछ बोलने
वाला क्यों मौन है???-
Sr. Engineer in GM modular
From Rajkot
जब दुःखो का पहाड़ टूटा इस ज़िंदगी में...
दुःखो से ही सीखा दुःख को हराकर
खुद को संवारना इस ज़िंदगी में....
सुख दुःख तो इस ज़िंदगी के पहिए है..
बाकी रखा क्या है इस ज़िंदगी में...-
अपना कोई नहीं ये माना लेकिन,
यहां हर दर्द की दवा है।।
दर्द होता है उसको जिसमें भरी
मैं (अहंकार) की हवा हैं।।
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चाहे कितना भी ख़ुद को बचा रहा हूँ...
ख़ुद के अलावा कोई सुनेगा नहीं,
फिर भी व्यर्थ में शोर मचा रहा हूँ...-
तुझसे मिलने से पहले...
फूलों को खुद की तकदीर का पता था,
डाली पे खिलने से पहले.....
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जिसे तू ढूंढ रहा है,
वो तेरे ही पास है...
जिससे तेरी मंजिल मिलेगी ,
तेरे अंदर ही वो प्रकाश हैं..
खुशियां मनाते है "दिवाली" की,
सब जगह हर्षोल्लास हैं..
जिनसे दिवाली शुरू हुई थी,
आज भी उसी "राम" से आस हैं..
"शुभ दिवाली सभी को"-
जिसे तू ढूंढ रहा है,
वो तेरे ही पास है...
जिससे तेरी मंजिल मिलेगी ,
तेरे अंदर ही वो प्रकाश हैं..
खुशियां मनाते है "दिवाली" की,
सब जगह हर्षोल्लास हैं..
जिनसे दिवाली शुरू हुई थी,
आज भी उसी "राम" से आस हैं..
"शुभ दिवाली सभी को"-
तुम कौन हो ये जाना है क्या....?
दूसरे को लुभाने में, तुमने खुद को भुला दिया,
ये माना है क्या...?
क्या जवाब दोगे खुद को, तुम्हारे पास
कोई बहाना है क्या...?
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