अपने उन रिश्तेदारों से सदैव सावधान रहें, जो दूसरों की आपसे बुराई कर रहे होते हैं और स्वयं उनके साथ अच्छे सम्बंध बना कर रखते हैं।
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अम्बर से दूर बादलों की आगोश में, कहीं चांद की परछाई तले, हिचकोले खा रहे थे हम, आंख खुली तो ख्वाब टूट गया।
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Waiting, waiting, waiting
Weekend and me
Guest, Guest, Guest
They also waiting
Weekend, weekend, weekend
Then me, kitchen and my
Weekend, weekend, weekend.
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हमने तो कुछ कहा नहीं
तुम उसे अपना समझ बैठे?
वो क़ुदरत है हमारी,
उसे चाहत अपनी बना बैठे?
दीवारों दरख्त को जर्रा जर्रा कर देंगे,
जो अबकी हम ठान बैठे।
हलक से निकाल लेंगे निवाला,
जो अपनी पे हम आ बैठे ।
फितरत से अपनी बाज़
न आओगे तुम गर,
आओ, देखो हम
आतंक की कब्र खोदे हैं, बैठे।
हमने तो कुछ अभी किया नहीं
और तुम जाकर गैरों का
सहारा ले बैठे?
वो "भाल "है भारत का,
और तुम उसे अपना समझ बैठे?
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हथेली की रेखाओं में सिमटे थे,
कुछ अपने कुछ बेगाने
कुछ मिले, कुछ हुए अनजाने
ज़िंदगी कुरेद गई तुम आज
ज़ख्म पुराने
"जिंदगी "हो तुम जिंदगी
जिंदगी को कौन समझे कौन जाने?-
अभी नहीं, कभी नहीं चाहिए
मदद के लिए आपका हाथ।
अभी एक मुक़ाम, एक मंज़िल
अकेले तय करने दीजिए।
गुमसुम हवा के झोंकों को तब्दील होने दीजिए
संसनाते झंझावातों में।
शीत रात्रि की रेत को तपने दीजिए
ग्रीष्म के तापों में।
नाज़ुक शीतल बूँदों को बदलने दीजिए
विशाल धाराओं में।
सागर की शांत लहरों को बदलने दीजिए
अमावस के ज्वारों में।
अभी नहीं, कभी नहीं चाहिए
मदद के लिए आपका हाथ।
अभी एक पथ, एक पड़ाव
अकेले तय करने दीजिए।
टिमटिमाती लौ को तब्दील होने दीजिए
बजरंग ज्वालाओं में ।
हमारी आँख के हर आसूं को तब्दील होने दीजिए
धधकते अंगारों में।
हमारे संयम के बाँध को बदलने दीजिए
उफनते सैलाबों में
और हमारे तरकश के तीरों को खाली होने दीजिए
सरहद पार आतंक के घावों में ।
अभी नहीं, कभी नहीं चाहिए
मदद के लिए आपका हाथ।
अभी एक सफर, एक संघर्ष
अकेले तय करने दीजिए।-
जीवन में जब कभी हार का सामना करना पड़े और हताशा हो, तो एक बार अपने माता-पिता का बलिदान जरूर याद करना चाहिए। एक अलग प्रकार की ऊर्जा का संचार महसूस होगा।
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घनघोर घनेरे बादलों में सिमटती संध्या,
सारी परछाईयों को आगोश में भरता
अंधेरा, और ये शाम का वीरान नजारा,
दिल को छेड़ जाता है।
पल - पल याद तुम्हारी दिलाता है।-
रात का अन्धेरा कितना भी गहरा क्यूँ ना हो, सूरज की एक किरण से नेस्तनाबूद हो जाता है।-