आरंभ ही प्रबंध है वार का,
नारी शत्रुओं पर जीत का।
वार कर, प्रहार कर
तू दुर्गा है, तू ही भवानी
अपनी शक्तियों का
इस्तेमाल कर।
सहेना मत अत्याचार
यूँ ही तू हार कर,
नारी शत्रू का संहार कर
दृष्ट विचार शैली को
फेंकना जड़ से उखाड़ कर
संहार कर, नरसंहार कर।-
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प्यार की शुरुआत
परिवार से करों
और ख्याल रखो
प्यार दुवा बनें
बद्दुआ नहीं।-
यूं तो वार खाली नहीं जाता हमारा।
वो तो हम निशाने पर ही नहीं रखते
सामने वाले को अपना मानकर,
लेकिन
वहीं हमारा प्रतिस्पर्धी बनकर सामने
आ जाता है कई बार, इस लिए शिकस्त
खानी पड़ जाती है कई बार।-
दिल हैरान है
क्यों कि यह
आदी हो गया है।
किसी की मानता ही नहीं है
और परेशान रहता है
अपनों से धोखा
मिलने पर।
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हमदर्दी न जताओ
बस इतना समझों
के हम ज़िंदगी जी
रहें हैं, हमारे हालात
पर न जाओ।
हमें ख़ुशीओ कि
नुमाइश करना
नहीं आती। वरना
आज भी तुम दूर से
हाथ दिखाते।-
Sometimes there are two types
relationships in our minds
one internal and the other external
But an external relationship is always attractive and an internal relationship can be boring, sometimes even irritating.
But the internal connection will always remain.
So play it safe and forget the outsider.-
चक चमकती चांदनी
चकाचौंध कर देती हैं चमन को।
चमकता चेहरा, चुड़ीया, और
चुनरिया तेरे लुभा लेती हैं मेरे मन को।
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मन का मित मन को मोहक मुस्कान से महेकाए
प्यारे प्रियतम प्यार से प्रेम संगीत गाएं
और प्यार से मन में प्रीत जगाएं।-
मैं ख़ुश हूं
क्यों कि
यह मेरी
मन की
स्थिति है।
और यह
मेरे मन
की इज़ाजत के बगैर
बदल नहीं सकती।
तो माहौल क्या है..?-
मी वारा झालोय...अनं सुसाट
वाहतच रहायलो,
माझ्या सर्वांसाठी
मी कधी विचार नव्हता केला
स्वत:साठी. आता असं
वाटतय कुणी तरी समोर
यावं माझ्यासाठी,
पण त्यांची
संख्या बघून वाटल आता
जगाव फक्त स्वत:साठी
आणि जे उरले माझ्यासाठी।-