कभी सोचा है दोज़ख देखती है वो जो सहती है। घिनौना कृत्य जो तूने किया फ़ल वो ही सहती है। उसे ही गालियाँ देते है अपने कोसते भी है। भले ज़िंदा बची हो वो भले जिंदा जलाई हो।
अगर वो जल गई है तो भी उसकी रूह रोती है। अगर ज़िंदा है तो सहमी सी वो रहती ना सोती है। अगर ज़िंदा है तो उसको ना कोई प्यार करता है। ना मिलती है कभी उसकी किसी की आँख से आँखें।