बुद्धा.......
मैंने मौन स्वीकार कर लिया ,
भले ही भीतर शोर ही शोर हो।-
Try to understand
झूठ वो दरार है जो भरोसे की दीवार को अंदर से तोड़ देती है।
शब्द भले मीठे हों, लेकिन अगर वो सच्चे नहीं, तो आत्मा तक चुभ जाते हैं।
मैं नाराज़ नहीं हूँ कि तुमने मुझसे झूठ बोला,
मैं टूटी हूँ क्योंकि अब मैं तुम पर कभी पहले जैसा भरोसा नहीं कर पाऊँगी।"
– सच बोलना साहस है, झूठ सिर्फ डर का दूसरा नाम है।-
मेरी प्रियये
जल्दी बाजी न करना शादी का
इस बंधन में थोड़ा समय लेना
थोड़ी ओर देर करना ।
अकेला रहने का ख़ुशी ,थोड़ा धुंधला दिखता है,
लेकिन सुकून देगा ।
फ्रस्टडेड रहने का तकलीफ़ साफ साफ़ दिखाएगा और ज़ख्म गहरा देगा।
थोड़ा सब्र करो ..........-
अर्ज किया है ......
न इश्क करो झूठा 😏
न प्यार करो फ़र्जी 🫡
आगे नहीं बताऊंगी.... 😎
मेरी शायरी मेरी मर्ज़ी 🤭
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आज एक अजीब सी ख़ामोशी दिल में उतर गई..."
आज अचानक दो साल हो गए रिलीज़ हुए…
लेकिन दिल कहता है, हमने तो कभी अलविदा कहा ही नहीं था।
बस एक अनबन आई… और हम सब बिखर जाते थे
न क्लास पूरी कर पाए, न साथ बैठ पाए, न मुस्कुराहटें साझा कर पाए....
आज जब लगा कि ये सफर अब सच में खत्म होने को है,
तो दिल में एक भारीपन उतर आया।
एग्ज़ाम अभी बाकी है,
मगर दिल कह रहा है —
"हम शायद फिर कभी साथ न हो पाए…"
ये ज़िंदगी की पढ़ाई की आख़िरी कड़ी थी,
जहाँ हम सब एक साथ थे,
जहाँ दोस्ती ने हमें मिलकर फिर से रहना सिखाया
और अब जब रास्ते अलग हो रहे हैं,
तो वो सारे लम्हे — हँसी, झगड़े, मस्ती, सपने —
एक-एक करके आँखों के सामने घूम रहे हैं।
कुछ लोगों को मेरे से शिकायत होगी मुझे लगता है..क्या करूं कुछ कर भी नहीं सकती हु
बस इमोशन शेयर कर सकती हु .....विद्या
Really miss u all
आज सच में अधूरा लग रहा है…
जैसे कुछ छूट गया हो,
या शायद हम एक-दूसरे से छूट गए हों।
अगर कभी फिर मिलना हुआ,
तो बस इतना याद रखना —
हमारी दोस्ती अधूरी नहीं थी… बस अधूरी रह गई।
आज मैं सोची लिख देती हु.... जो है सब अच्छे थे,-