मोहब्बत का नाम दिया,मगर हक जताने नही देते।
गम में मेरे गले नही,खुशी मे शामिल होना चाहते।
जरूरत मे साथ नही, दूर जाने का बहाना खोजते।
मोहब्बत का नाम दिया,मगर हक जताने नही देते।-
महफ़िल सजी है माहौल बनी है
देखो ना नजरें दरवाजे पर टिकी,
तुम्हारे झलक को तरस रहीं हैं।।
महफ़िल सजी है माहौल बनी है
देखो ना उलझ गई मै बातों मे,
डूबती-उतरती उन जज़्बातो मे।।
महफ़िल सजी है माहौल बनी है
देखो ना ख्याल तुम्हारा आया है,
हमेशा की तरह तुम्हें दूर पाया है।।-
जो कभी समझा ना सकूं
तुम वो जज़्बात बन जाना,
मेरे गुमसुम जिंदगी के
तुम 'वो' हसीन पल बन जाना।
जो कभी कह ना सकूं
तुम वो अल्फ़ाज़ बन जाना,
मेरे हलचल जिंदगी के
तुम 'वो' सुकून के पल बन जाना।।-
महफ़िल मे चर्चे तुम्हारे ही थे,
मुझे देख हाल तेरा ही पुछते थे।
था सिलसिला कुछ ऐसा की,
तेरे साथ में मेरी बर्बादी थी।
पर सच कहूँ तो मुझे ये बर्बादी मंज़ूर थी॥-
जिंदगी में प्यार ने सौरव नाम की दस्तक दी है,
तुमसे हर एक मुलाकात का इंतजार रहेगा।
तुम संग बिताएं हर एक पल बेहद खास रहेगा,
जब भी कोई दिल-ए-हाल पुछेगा,
जान-ए-मन जुबान पर जिक्र तेरा ही रहेगा।-
खो जाने को मन करता है
उन गलियों में जहाँ अकसर हम मिला करते थे।
खो जाने को मन करता है
उन बाहों में जहाँ दो पल सुकून मिला करते थे।-
उसके खत के हर एक अल्फाज़ में सुकून है,
कसम है तुम्हे सनम तेरा साथ यूहीं निभाऊगी।
हाल कैसे बयान करे लिखते-लिखते तुझमे खो जाते हैं,
तुम कहो तो सरे आम अपनी महोब्बत का इजहार करे।-
तुम्हे सोचती हूँ तो लगता है जैसे,
दिल का खोया हिस्सा मिल गया।
देहलीज में तेरे अब जिंदगी का,
मुझको पता मिल गया।-
हम होश गंवा बैठेंगे, हमारी इतनी तारीफ ना करो।
हम जान गंवा बैठेंगे, हमसे इतनी महोब्बत ना करो।-
I met him after years,
his face had that same glory,
his walk the way he talks noting has changed he is still that old soul.
I saw him after years,
his voice his lips that move when he talks
had that same theme, that we used to share in childhood.
I hugged him after years,
his way of dressing, his perfume had that fragrance I was familiar with.
I wanted to spend some more time with him.
but then we both carried our responsibilities.
A hearty goodbye & promise that we'll be in touch.-