vidu   (Vidushi singh)
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Joined 4 March 2018


Joined 4 March 2018
7 NOV 2020 AT 23:55

टुकड़ों टुकड़ों में जी कर सांस उधार लेता है कोई,
एक ज़रा सी उम्मीद पर सारी ज़िन्दगी गुजार लेता है कोई।

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30 JUL 2020 AT 0:53

Time can fix the mind
But, not heart.
The heart does not recognise any concept except love❤️

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13 MAY 2020 AT 23:09

हम सोचते थे बस हम ही अज़ीज़ तेरे
तमाम शहर तेरा ख़ास दिखाई पड़ता है

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15 MAY 2020 AT 23:40

नजाने कितने दिनों से भरी पड़ी थी मैं
जो तुझसे रूठते रूठते रो पड़ी मैं

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13 MAY 2020 AT 22:57

किरदार मेरा तोलने दो
वो बोलते है, बोलने दो

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31 MAR 2020 AT 17:53

तुम बदले तो , हम भी कहां पुराने से रहे!
तुम अाने से रहे तो , हम भी बुलाने से रहे।

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25 MAR 2020 AT 23:28

तुम्हारी खुशियों के
ठिकाने बहुत होंगे मगर ,
मेरी बेचैनियों की
वजह सिर्फ़ तुम हो।

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8 FEB 2020 AT 16:39

शाम हो और नशा ना हो,
जैसे ज़िन्दगी हो और तुम ना हो।

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3 FEB 2020 AT 0:26

कभी पूरी ना हो सकें, वो बात हो तुम....
ना होने दूं कभी सुबह, ऐसी रात हो तुम....

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31 JAN 2020 AT 20:08

It takes a lot to heal a broken heart,
But it takes a lot more to trust that it wouldn't be broken again.

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