देखिए-देखिए बन गए चैंपियन।
न्यूज़ीलैंड को हरा बन गए चैंपियन।।
होली के रंगों में जीत भी घुल गयी।
तिरंगा फ़हराके बन गए चैंपियन।।
🇮🇳🇮🇳इंडिया🇮🇳इंडिया🇮🇳🇮🇳-
इस खूबसूरत रात में
तेरी यादें लिए साथ में
मैं चला जा रहा हूं
ना परवाह है अंधेर की
ना चाँदनी से लगाव है
मुझे तो बस चलना है
यही जिंदगी का राग है
तेरी यादें भी तेरी बातें भी
संग बातों में गुजारी रातें भी
अब नहीं है कुछ भी वैसा
बस शेष है उदासी हताशा
प्यार खोया पंछी और
बिखरा-बिखरा घरौंदा
त्रिवेन्दर जोशी
05 मई 2013
01:40pm-
महक चंदन के जैसी है कुसुम सी ताज़गी वो है।
शरद पूनम की मधुमय खूबसूरत चाँदनी वो है।।
भले लावण्य की मूरत भले हो ख़्वाब दुनिया का।
करे हर बार आकर्षित निराली सादगी वो है।।-
ख़्याल रखा करो तुम अपना अब मैं भी मेरा रखता हूँ।
तुम और मैं के इतर अब हम हम भी तो होने वाले हैं।।-
माँ दिन की शुरुवात आरती का स्वर है।
माँ सदा आशीर्वाद देने को उठता कर है।।१
माँ जेठ की छांव सर्द मौसम का घाम है।
माँ हर घर में सुबह दोपहर शाम है।।२
माँ पवन की शीतलता पानी की बूँद है।
माँ शिराओं में शक्ति बन दौड़ता दूध है।।३
माँ राशन, दूध फल सब्जी की व्यवस्था है।
माँ घर पर संपन्नता की अवस्था है।।४
माँ देर रात भी ताजी गरम रोटी है।
माँ बच्चों के साथ हँसती और रोती है।।५
माँ दुर्गुण मिटाने को आतुर काली है।
माँ संस्कार अनुशासन की खुशहाली है।।६
माँ संबंधों का एक पूरा ताना-बाना है।
माँ से ही मौसी मामा नानी नाना है।।७
माँ से राम कृष्ण की सनातन गाथा है।
माँ का दुःखी मन महाभारत लाता है।।८
माँ सदा प्यार लुटाती जवान और बुढ़िया है।
माँ के लिए हर बच्चा ताउम्र गुड्डा-गुड़िया है।।९
माँ धरती हो, प्रकृति हो स्त्री हो सम्मान है।
माँ ओ माँ तुमको मेरा बारम्बार प्रणाम है।।१०
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भगवान चक्रधारी पूर्ण करें सब काम।
कामना ये करते सप्तरंगी जीवन हो।।
उमंग उत्साह रहे सुख शान्ति वास रहे।
संबंधों में प्रेम और विश्वास गहन हो।।
पार्थ सा विषाद उठे जीवन में यदि कभी।
गीता ज्ञान देने आये सारथी मोहन हो।।
होली के इस शुभ दिन आपको नमन है।
जीवन के कंटकों का होलिका दहन हो।।-
अब तो सबक लो, आगे के कामों को।
गुंडई करे जो, मिटा दो उन नामों को।।
झुकना मत, इन बदमाशों के आगे।
लाठियां भांजों, कि खालिस्तानी भागे।।
एक ओर देश में मन रहा गणतंत्र।
दूजी ओर हो रहा है खण्ड-२ गणतंत्र।
इतना निवेदन है, बलवा रोक लो।
बात जो नहीं माने, अब सीधा ठोक दो।।
कानून है रक्षा को, अब तो बतलाओ।
लाचारी नहीं अब, शक्तियाँ दिखलाओ।।
एक ओर देश में, मन रहा गणतंत्र।
दूजी ओर हो रहा है, खण्ड-२ गणतंत्र।।-
अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में कब आयी।
चाइना की ओर देख जैक मा से पूछिए।।
कट्टरपंथी करते है जीना कैसे दुश्वार
ईश निंदा क्या होती है पाकिस्ता से पूछिए।।
अधिकार हनन को लाते हैं जो बार-बार।
अधिकार कितने है कोरिया से पूछिए।।
फिर भी लगे किसी को खतरा है भारत में।
इराक-ईरान और सीरिया से पूछिए।।-
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हम तुम संग यदि चल पाते, जीवन कितना सुंदर होता।
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केवल श्वेत श्याम नहीं होता, बल्कि इंद्र धनुष सा दिखता।
साथ तुम्हारा गर मिल जाता, कठिन काल में भी सुख देता।
हम तुम संग यदि चल पाते, जीवन कितना सुंदर होता।
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केवल मैं ही खर्च ना हुआ, तुमने भी ख़र्चा ख़ुद को।
एक वचन पूरा करने में, बिकना पड़ा दो लोगों को।
हम तुम संग यदि रह जाते, जीवन सुख का समंदर होता।
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बहुत समय तक साथ रहे, मिलकर सुंदर वक्त बिताया।
आखिर उसी समय से हारे, जिसने कभी हमें जिताया।
हम तुम संग यदि बह पाते, जीवन कितना मनहर होता।
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कुछ इच्छायें पूर्ण हो गयी, कुछ अपूर्ण है जीवन भर।
बेसक आगे बढ़ना पड़ता, सबकुछ रखकर मन भीतर।
हम तुम संग यदि कह आते, जीवन कितना रुचिकर होता।
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पढ़ो-लिखो आगे-बढ़ो सुंदर भी तुम दिखो।
ऐसे अपनों का तुम जीतना मन भाई।।
खेलो-कूदो दौड़ो-भागो नई-नई चीजें सीखो।
ऐसे फिट कर लेना अपना तन भाई।
माता-पिता का दुलार मिले सबही का प्यार।
हम सबके निराले, तुम हो धन भाई।।
जन्मदिन की बधाई ओ प्यारे 'रोहन' भाई।
हर दिन करो तुम और भी फ़न भाई।।-