बस एक बात बता दे मुझको, क्या आज भी होता है मेरा इंतजार तुझको।
आज भी क्या ज़ेहन में हूं तेरे, क्या आज भी हिचकियां आती हैं तुझको।।-
रुख़सत मिले रूह को, तो ये ख़ुदा में मिल जाए।
ख़ुदा दे इजाज़त तो, अपने बिछड़ों से मिल जाए।।
सजदा नही होता, न होती है इबादत मुझसे।
ख़ुदा माफ़ करे मुझको, तो मुझे जिंदगी मिल जाए।।-
~ Our Teacher ~
He, who loves us for our wishes,
He, who scolds us for our failures,
He, who is passionate about our desires,
He is our pathfinder for our success.
If he is interrupted, he feels angry,
If he does not get answers, we feel the fury,
He wants us in time, very fast and active,
He is like tom and we are all jerry.
His love for children is very prudent.
He scolds hard and motivates every student,
His youthful nature pacifies us all,
His knowledge of delivery always seems ardent.
"Yes Sir! Yes Sir!" we all raise our voice,
He teaches us that winning is the only choice,
He is the one, paving path for our future,
We wish for 'Our Teacher, he must always rejoice.-
बिखरी ज़ुल्फ़े, माथे पे हैरानी की सिलवटें,
तेरे सजने संवरने से बेहतर अदा है,
आंखों की चमक, गालों की ये सुर्खियां,
ख़ुदा भी जानता है कौन इन पे फ़िदा है,
लबों की कशिश और मुहज्जब सी बोली,
कानों में गूंजती मोहब्बत की सदा है...-
क्या कहूं? के शमा, शोला, अंगारा या आफताब हो,
जल के बुझना, बुझ के जलना, अब आदत हो गई...-
ख़ुदा ने बनाया तुझे उन्वान-ए-मुहब्बत,
दुनिया को इश्क़ की नई कहानी देने!-
कुछ तो बात है, तेरे मेरे दरमियान,
तू भूलता नहीं है, मैं भुलाना नहीं चाहता!-
वीर तुम इस देश की मिसाल बन चुके हो अब,
त्याग, कर्म, क्षमा, बलिदान, देश के लिए कर चुके हो 'सब'!
वीर तुम इस देश की मिसाल...
आए भिन्न-भिन्न प्रदेश से, फिर भी लगे एक देश के,
'ऊपर' चढ़े झुके नहीं, पात्र हो जय घोष के,
"वीर तुम बढ़े चलो" - यही गान गा रहे हैं सब!
वीर तुम इस देश की मिसाल...
मुश्किलों की जब हुई 'फुहार',
तुम ही बने देश के कहार,
"भारत मां! तेरी जय हो" -
बढ़ चले करके गुहार!
तुम्हें नमन करता है जन-जन,
तुम्हारी विजय चाहते हैं सब!
वीर तुम इस देश की मिसाल...
विश्व में कहीं भी, जहां भी रहोगे तुम,
तिरंगा ये गौरव से, करेगा तुम्हें नमन!
शीर्षोंन्नत कर दो तुम तिरंगे को,
वो समय आ गया है अब!
वीर तुम इस देश की मिसाल बन चुके हो अब...-
वो पल जो तेरे साथ बीतें, आम नहीं वो ख़ास थे!
पुरानी टोकरी में छुपे थे जो, फल आम नहीं वो ख़ास थे!!
मेरे गाँव तुझे भूला नहीं हूँ, पर आऊं कैसे शहर छोड़कर!
तेरी मिट्टी के घर अब भी हैं पक्के, घर आम नहीं वो ख़ास थे!!
मेरे आँगन में है एक आम का पौधा, बड़ा नहीं हो पाता वो!
क्या खूब बोये थे दादा ने, बाग़ आम नहीं वो ख़ास थे!!
कच्ची उम्र में थे हरे-भरे हम, पक कर पीले पड़ गए!
फिर टूट गिरे हम उन शाखों से, पेड़ आम नहीं वो ख़ास थे!!
दादी ने खिलाये जो दसहरी - लंगड़ा, स्वाद ज़बां पे बाक़ी है!
क्या कहना उनकी कहानियों का, किस्से आम नहीं वो ख़ास थे!!
गर्मियों के मौसम वो, छुट्टियाँ बड़ी ख़ास थीं 'एहबाब'!
वो गाँव, मोहल्ले, छतों के टप्पे, इश्क़ आम नहीं वो ख़ास थे!!-