मेरे दो - चार ख्वाब हैं, जिन्हें
मैं आसमान से दूर चाहता हूं।
ज़िन्दगी चाहे गुमनाम रहे
पर मौत मैं मशहूर चाहता हूं।
- ज़ाकिर खान- विभुअबोध
16 FEB 2019 AT 11:12
मेरे दो - चार ख्वाब हैं, जिन्हें
मैं आसमान से दूर चाहता हूं।
ज़िन्दगी चाहे गुमनाम रहे
पर मौत मैं मशहूर चाहता हूं।
- ज़ाकिर खान- विभुअबोध