Vibhank Dhar Mishra   (कव्यांचल✍)
281 Followers · 98 Following

लक्ष्यहीन महत्वकांक्षी.....
just an aimless ambitious.
Joined 13 November 2019


लक्ष्यहीन महत्वकांक्षी.....
just an aimless ambitious.
Joined 13 November 2019
1 JAN AT 23:32

ऐ प्रथम निशा नववर्ष की मुझको
नव मंगल वह स्वप्न दिखाओ।।
जिसमें जीवन का सार छुपा हो
ईश्वर का आभार छुपा हो
जिसमें वह लक्ष्य दिखाई दे जो
मानस में बिन आकार छुपा हो
जिसको पाकर यह जन्म सफल हो
जीवन हो संपन्न दिखाओ
ऐ प्रथम निशा नववर्ष की मुझको
नव मंगल वह स्वप्न दिखाओ।।
आगे का विस्तार छुपा हो
एक नया श्रृंगार छुपा हो
जो मूल्यवान मुझको कर दे
वह मेरा बिंदुसार छुपा हो
जिसके आने से महक उठे
मेरा मन, उपवन दिखाओ
ऐ प्रथम निशा नववर्ष की मुझको
नव मंगल वह स्वप्न दिखाओ ।।

-


1 JAN AT 1:39

नए वर्ष से नई उम्मीदें
लगाए सारा जमाना होगा
ऐ पच्चीस (25) तुझे तो थोड़ा
बेहतर बनकर आना होगा।।

तू तो वह सब देगा ना
जिसको जो भी पाना होगा?
या आने का जश्न मनाकर
तेरे भी जाने पर पछताना होगा?

ऐ पच्चीस तुझे तो थोड़ा
बेहतर बनकर आना होगा।।

-


17 JUL 2024 AT 1:59

राह-ए-क़मीब में जो मुश्किल थी चार दिन
ये सबके तआरुफ़ की मुकम्मल घड़ी थी...

-


14 JUL 2024 AT 11:57

क्यों मैं मूक सा खड़ा हूं
बेबाक हूं फिर भी
आवाक हूं शायद
दुनिया के चेहरे देखकर...

-


2 APR 2023 AT 15:16

आपकी ये कातिल अदाएं
ये रोमांचक मनसूबे रहेंगे
तो शायद सारे काम छोड़
हम आपमें ही डूबे रहेंगे।।

-


15 JAN 2023 AT 9:56

मांझा कोई उलझे "पतंगों" की डोर से
तो मान लो कि मंझा है, मांझे का चालक।।

-


13 JAN 2023 AT 9:37

अजनबियों सा हाल है अपना
अपने से अनजान हैं हम
जानें मन में पीड़ा उठती है?
या पीड़ा से उठ जाता मन?

-


10 JAN 2023 AT 22:11

ऑक्सीजन जैसा है इश्क़ तुम्हारा
ना दिखता है ना महसूस होता है
पर जीने के लिए जरूरी बहुत है।।

-


7 JAN 2023 AT 18:42

तेरे बिन हर महफिल,उदास सी लगती है
तू दूर हो के भी ,पास सी लगती है
घुटन सी होती है, बिछड़ के तुझसे
तू मुझे मेरी ,सांस सी लगती है

-


1 JAN 2023 AT 23:05

इस नए वर्ष में तुम,वो नायब हीरा हो जाओ
कृष्ण की भक्ति मिले,और तुम मीरा हो जाओ।।

-


Fetching Vibhank Dhar Mishra Quotes