चाँद भी तो दूर रहता है
अपनी चाँदनी से,
बिल्कुल तुम्हारी ही तरह
उसे भी रात को याद आती है
दिन भर की थकान मिटाने को
अपनी प्रेमिका, जैसे तुम्हें मैं!!-
माँ,
के लिए
कुछ लिख पाना
उतना ही कठिन है
जितना असमान के तारे गिनना!
माँ जैसा निस्वार्थ प्रेम मुझे नहीं आता
ना ही उनकी शख्सीयत को लिखना आता है,
बस कल्पना है, कि कभी उनके जैसी बन पाऊँ!-
बाद में मत कहना
कि वक़्त ही नहीं बचा
साथ बैठ चाय पीने को
कुछ पल बातें करने को
हर दिन क्यों उलझे रहे
जिंदगी की कशमकश में!
अपने अंतिम समय तक
मैं करती रहूंगी कोशिश
तुम्हारे दो पल चुराने की ,
मगर बाद में मत कहना
कि कैसे बर्बाद कर दिया
तुमने हमारा वक़्त,
और मेरा इन्तेज़ार!-
इस ख़ामोशी को
सहेज कर रखती हूँ,
कम से कम कुछ तो है
जो हमारे बीच
आज भी बरकरार है!-
रिश्ते
सीधे मगर गहरे
मज़बूत डोर से बंधे हुए,
चुप-चाप ऐसे उलझते जाते हैं, मानो
इनका कोई अस्तित्व कोई वज़ूद ही नहीं हो
मगर क्या बीते वक़्त के किस्से इनकी पहचान नहीं हैं?-
किसी कवि की कल्पना में
एक आवाज मिलेगी,
सन्नाटों की ओर जाती हुई
जो पहुंचा देगी तुम्हें
तुम्हारे जीवन के उद्देश्य तक!-
कुछ फ़लसफ़े खामोश ही अच्छे हैं
कुछ नग्मे पन्नों पर ही सच्चे हैं
लेकिन मेरी डायरी के लिए
मेरे सभी शब्द उसके बच्चे हैं!
कुछ रिश्ते अपने हैं, मगर कच्चे हैं
कुछ रिश्ते पराये हो कर भी सच्चे हैं
जैसे घने वृक्षों के लिए
उड़ते खेलते पंछी उनके बच्चे हैं!
कुछ शिकवे मासूम ही अच्छे हैं
यहाँ कुछ लोग वफ़ाओं के कच्चे हैं
हाँ, माना कि नफरत की दीवारें भी हैं
मगर प्यार के बहते झरने भी सच्चे हैं !-
वो जो चले गए थे मेरे सारे ख्वाब रौंद कर,
कल ख्वाब में आए और नए ख्वाब सौंप गए!-
क्या खूब निभाया हमारे प्यार को, उन्होंने
वो दग़ा करते रहे, हमसे सजदा चाहते हुए!-
अपने देश के लिए
उसके जवानों के लिए
उन के घर वालों के लिए!
प्रार्थना करो
हर उस शख्स के लिए
जो अपने क्षेत्र से लड़ रहा है
आतंकवाद के खिलाफ !
प्रार्थना करो
सभी देशवासियों के लिए
जो अपने घर पर डरे सहमे
मगर
दिल में जज़्बा लिए बैठे हैं!-