सुना है कोई फ़िर से दस्तक दे रहा है उनके दरवाज़े पे सुना है चेहरा खिल गया था उनका उसके आ जाने पे ये बताओ भला तुम्हारा चेहरा क्यों उदास हो गया है खिला खिला रहता था जो दिल आज कहाँ खो गया है ऐसा लग रहा है तुझे उसके खो देने का डर सता रहा है छोड़ न यार ! जिसे पा ही नहीं सकता उससे क्यूँ ही दिल लगा रहा है