पतझड़ में पत्ते झरते है
ताकि आ सकें
नए पत्ते
हवा ले जाती है
सूखे पत्तों को
पेड़ से दूर
कहीं कोई चिंगारी वियोग की
आग न भड़का दे
और एक तुम हो कि
स्क्रीनशॉट्स
संभालें रखे हो-
एक ही तो है
बैलों की टुनटुनिया
कार और दोपहिया
की बीप
एक ही.............
आहट होते ही
बाड़े का फटका
लोहे के बेरिंगदार
गेट का खुलना
एक ही.............
चोकोबार चॉकलेट
कुरकुरे
मंगल बाजार के समोसे
और खेत की बिही
एक ही..................
महंगे मसाले काजू
बादाम
गुड़ तेल नौन के
थैले में छुपी
मांगी गई ख्वाहिश
एक ही.................
पर बताएगी दुनिया
राई पहाड़ का अंतर सभी में
फिर जिद में
मुंह फुलाकर कहेगा
बचपन
सब एक ही तो है........।
वीरेन्द्र कुर्मी भरदी ✒️-
हुए लीक जब नेट नीट
तो सारे नेता मौन..
बतलाओ मोदी जी अब तो
इसके पीछे कौन
भाई भतीजा नेता चमचा
फर्स्ट आ रहे कौन
बतलाओ मोदी जी अब तो
टॉप रैंक है कौन
पांच लाख में पुलिस बन गए
पंद्रह में पटवारी
टॉपर रैंक के लिए खड़ा है
कब है उसकी बारी
कोई कहे क्या करना मुझको
मेरी ऐसी यारी
मंत्री उसके चाचा मामा
संसद रिश्तेदारी
मात खा रहा युवा सड़क पर
कब है उसकी बारी
जैसे तैसे पेपर होते
तो रिजल्ट नहीं होते जारी
बतलाओ मोदी जी कब तक
आयेगी हमरी बारी
वीरेन्द्र कुर्मी भरदी-
जो बिना स्टेटस देखे केवल फ़ोन से आवाज़ सुनकर या चेहरा देखकर ये पूंछ दे कि आज क्यों परेशान हो ।
वो केवल मां ही होती है।-
मुंशी प्रेमचंद की कहानी क्रम से
नमक के दरोगा, को उसकी सज्जनता का दंड, ईश्वरीय न्याय, के रूप में दुर्गा मंदिर, में बूढ़ी काकी, की शांति, से मिला।
जिसमें सवा शेर गेहूं, शतरंज के खिलाड़ियों, को मुक्ति मार्ग, और मुक्तिधन, के बदले सौभाग्य के कौडे, मिले
लेकिन दो सखियों, ने अलग्योझा,को पूस की रात, में समर यात्रा, के लिए पत्नी से पति, की सदगति, कराई।
और फिर दो बैलों की कथा, से होली के उपहार, को ठाकुर के कुआं, के पास ईदगाह, के टाइम नशा, करके बड़े भाई साहब, को कफ़न, से ढका ।-
प्रसाद जी ने ध्रुवस्वामिनी' से 'राजश्री के लिए "विशाखदत्त" और "अजातशत्रु" की हेल्प से "जन्मेजय यज्ञ" करके 'चंद्रगुप्त 'और "स्कंदगुप्त"
को "एक घूंट" में पीने की "कामना" की-
तुम जिन👤👤लोगों के बारे में सोचते हो लोग क्या सोचेंगे?
सच बताऊं तो इनको सौचना भी नहीं आता सोचेंगे क्या....?-
शुक्रिया मेरे भोले डमरू वाले,
अब मुझे 🤔याद करना पड़ता है,
कि मुझे कौन ♥️याद आता था।-