Veena Tiwari   (वीणा तिवारी (अनामिका))
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Joined 12 November 2020


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Joined 12 November 2020
18 SEP 2022 AT 10:48

आगे सफर था और पीछे हमसफर था...
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता...
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी...
ऐ दिल तू ही बता, उस वक्त मैं कहाँ जाती...
मुद्दत का सफर भी था और बरसों का हमसफर भी था...
रूकते तो बिछड़ जाते और चलते तो बिखर जाते...
यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की...
मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते...
बस यही दो मसले, जिंदगी भर ना हल हुए...
ना नींद पूरी हुई, ना ख़्वाब मुकम्मल हुए...
वक़्त ने कहा... काश थोड़ा और सब्र होता...
सब्र ने कहा... काश थोड़ा और वक़्त होता...
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए,
आराम कमाने निकलती हूँ आराम छोड़कर...
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है...
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हूं कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतों को नसीब नहीं होता"...

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7 SEP 2022 AT 2:41

हर गम में खुशी का एहसास ढूंढती हूं,
साथ बीते हर लम्हात ढूंढती हूं।
माना तुम बहुत दूर हो मेरी पहुंच से,
फिर भी तुम्हें अपने आस पास ढूंढती हूं।
बीच राह में मिलने पर क्या कह के पुकारू,
अपनी लेखनी में वो अल्फाज़ ढूंढती हूं।
पल पल रेत सी फिसल रही है ज़िंदगी हांथ से,
पर तुम्हें अपने हाथों की लकीरों में बदहवास ढूंढती हूं।
महसूस करती हूं, अकेली हूं, एक खूबसूरत शहर की राहों पर,
इन खामोश गलियों में तुम्हारी आवाज़ ढूंढती हूं।
हर गम में खुशी का एहसास ढूंढती हूं,
साथ बीते हर लम्हात ढूंढती हूं।

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14 MAR 2022 AT 12:10

वो बचपन ही सबसे भला था, ना किसी के बारे में सोचना, अपनी मस्ती में मगन रहना, ना समाज की चिंता, ना रूपयों का लोभ, निश्छल, पवित्र और उत्साह से भरा हुआ हमारा मन और हमारी आत्मा शुद्ध...
काश ऐसा हो पता के हम वापस जा पाते अपने बचपन में, चलो क्या हुआ हम नहीं जा सकते अपने बचपन में लेकिन बचपन की यादों को महसूस तो कर सकते हैं... तो चलें...

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22 FEB 2022 AT 18:23

कुछ प्रेम के रिश्ते ऐसे भी होते हैं
जो लोगों की परिकल्पनाओं और परिभाषा से
परे होतें हैं...— % &

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22 FEB 2022 AT 18:07

आपके बिना ये घर सूना लगता है,
इस सूने घर को आप ही भर सकते हो,
अपने होने के एहसास से।
ये खाली सफ़ेद दीवारें रंगीन हो उठती हैं
आपके यहां होने से।
ये रसोई चाहती है आपके होने की खुशीं की
महक से भर जाना।
हमारा बिस्तर जिसपे एक भी सिलवट नहीं होती,
ये चादर भी सिमटना चाहती है आपके इस पर होने से।
आपके बिन सूनी रहती हैं मेरी ये आंखें, जो आपको देखते ही चमक जाती है जैसे आसमान में सबसे ज़्यादा चमकदार सितारा हो जैसे।
आपके बिना ये घर सूना लगता है।— % &

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12 FEB 2022 AT 12:28

खो देने के बाद ही ख़्याल आता है
कितना कीमती था
समय, व्यक्ति और संबंध।।।— % &

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4 FEB 2022 AT 13:39

चाहते तुम अगर तो पा लेते शायद मुझको,
हर रोज परख के तुमने मुझे गवां दिया।— % &

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2 JAN 2022 AT 0:47

ख़्याल रखा करो अपना
मेरे पास तुम जैसा
और कोई नहीं है💗

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16 NOV 2021 AT 15:50

इंसान को पहचानना हो तो पहचान दो पलों में हो जाती है,
वरना इंसान को पहचानने में सालों नहीं जन्मों लग जाते हैं।

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13 NOV 2021 AT 11:35

हर कोई अपने दिल का राजा है,
हर किसी की कोई रानी है।
किसी की छिप गई किसी की छप गई,
सबकी एक कहानी है...
बिल्कुल आसान नहीं है पता लगाना किसने कितना दर्द सहा है...
जिसकी जितनी आँखें हसीं हैं,
उसकी उतनी पीर पुरानी है।

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