तीसरा नेत्र जब खुल जाए
माँ के विकराल रूप से संसार
भय भीत हो जाए-
Veena Surana
(Veena Surana)
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लेखिका दिल से
Joined 11 October 2020
27 APR AT 17:18
इंतजार कल भी था
इंतजार आज भी है
और इंतजार कल भी होगा.....
शायद कभी ख़तम भी होगा ये इंतजार-
27 APR AT 17:15
जब भी किसी को रोता देख कर
पिघले तुम्हारा दिल, समझ लो इंसानियत अभी बाकी है-
5 APR AT 23:31
इस एहसास के लिए पूरी उम्र भी मै वार दूँ
तेरे साथ के लिए अपनी तमाम जिंदगी हार दूँ
-
5 APR AT 23:25
खुद को आज मैंने खुद से खो दिया है
तु क्या मेरे प्यार को रुसवा करेगा
मैंने खुद को ही बेवफा कह दिया है-
5 APR AT 23:19
तो चाहने वालो का भी हाथ छुट जाता है
हर एक चीज पर से विश्वास टूट जाता है
और जिंदगी पर से भरोसा ही रूठ जाता है-
5 APR AT 23:07
दिन भर की थकान के बाद
जब रात आती है तो
लगता है जैसे सुकून मिल गया हो
दूसरे दिन को फिर से जीने के लिए, ऊर्जा को बटोरने के लिए चाँद की ओढ़नी ओढ़े रात कितनी जरूरी है-