शनी मंगल का ष्टाशटक योग कौनसी राशि को ज्यादा प्रभावित करेगा वैसे तो ये बहुत ही अशुभ योग माना गया है जो इसलिये सभी राशि वाले ध्यान रखें लेकिन कर्क, सिंह, धनु ओर कुम्भ राशि वाले विशेष ध्यान रखें ये राशि ओर लग्न दोनों से देख सकते हैं झगड़े क्लेश दुस्साहस अनियंत्रतित वाणी तेज गुस्सा ख़ुद को ही नुकसान दे जायेगा बने बनाये काम बिगड़ना धन हानि चोट मानसिक तनाव अचानक दुर्घटना जैसे लक्षण आ सकते हैं शनी को मंगल की टक्कर से लाल किताब अनुसार शुक्र पीड़ित होता है इसलिये जीवन साथी का ध्यान रखें व इन्वेस्टमेंट सोच कर करें वरना धन हानि हो सकती है वाहन सभी सावधानी से चलाएं !
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𝑊𝑒𝑙𝑐𝑜𝑚𝑒 𝑡𝑜 𝑚𝑦 𝑝𝑟𝑜𝑓𝑖𝑙𝑒 💐
𝐼'𝑚 𝐷'𝑠 𝐾𝒉𝑎𝑛𝑔𝑎𝑟𝑜... read more
मंगल शनी का ष्टाअष्टक योग दुर्घटना, आगाजनी, क्लेश, झगड़े, सब पैदा करेगा क्योंकि वैदिक अनुसार मंगल की शनी पर आठवीं दृष्टि है ओर लाल किताब अनुसार टक्कर है मंगल फिर भी बृहस्पति के नक्षत्र में है लेकिन शनी राहु के नक्षत्र में होने से अप्रत्यक्ष रूप से शनी राहु की युति कह सकते हैं ओर शनी मंगल राहु का संबध उपरोक्त बातों को अंजाम दे सकता है मजदूर व सफाई कर्म चारियों को शनी राहु के नक्षत्र में व इनके पक्के समय में लाल मसूर दान करें !
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मैं ज्योतिष और अध्यात्म दोनों पर काम कर रहा हूं और मैंने पाया भगवान की इच्छा के बिना यहाँ एक पत्ता भी नहीं हिल सकता पूर्व जन्मों के कर्मों के द्वारा ही इस जीवन में सभी घटनाएँ घटती है !
कुंडली के पंचम भाव से हम पूर्व जन्म के कर्मों के बारे में अध्ययन कर सकते है !
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जय हो राहु बाहु बली की कहतें की राहु जिसें तारें फिर भला कोन उसे मारें राहु देव कुंडली बलवान् होकर बैठे होतो जातक को परम शत्रु हनता बना देते है फिर जातक हजारों क्या लाखों शत्रु ही क्यो ना हो लेकिन फिर जातक का कुछ भी नही बिगाड़ सकते है राहु देव शुभ होने पर जातक को गेबी ताकतों का सिरमौर बादशाह बना देता है जातक भविष्य में होने वाली घटनाओ का पता लग जाता है !
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Dream 11 में शामिल है तो फिर पहले कुण्डली में राहु देव की स्थिति को देख ले क्योंकि आकस्मिक धन लाभ के कारक राहु देव ही होते है और आपकी कुंडली में दूसरे भाव और ग्यारहवें भाव के बीच में कोई संबंध है या अष्टम भाव के साथ दूसरे भाव या ग्यारहवें भाव का कोई संबंध है जैसे एक दूसरे के भाव में बैठना या युति संबंध हो तो आपको अचानक से धन की प्राप्ति हो सकती है और लॉटरी सट्टा के लिए कुंडली का पंचम भाव देखा जाता है उसकी स्थिति और पोजीशन बहुत अच्छी होनी चाहिए वह केन्द्र और त्रिकोण में होना चाहिए और सबसे बड़ी बात आपका भाग्य सही स्थिति में चाहिए आपकी कुंडली का नौवां स्थान जो है वह भाग्य स्थान होता है अगर भाग्य साथ नहीं देगा तो हाथ में आए हुए पैसे और वस्तु भी वापस चली जाती है इसलिए सब से अनुरोध है कि पहले अपनी कुंडली पर ध्यान दें उसके बाद ही आप ऐसे application में अपना लक आजमाएं !
नोट : - कुंडली विश्लेषण हेतु संपर्क करें फीस 551/--
रिश्ते और ग्रह : -
आप सब के मन में एक सवाल आता होगा कि अगर हम रिश्ते निभाना चाहें ओर सामने वाला इज्जत न करे तो क्या करे ?
इसमें ग्रह आपके नहीं सामने वाले के खराब होते है परिवार में माता पिता भी ज्यादा संतान हो तो दोगला पन दिखा देते हैँ उनका केतु खराब होगा ओर बेटी बेटे में फर्क रखने से बुध खराब होगा ससुराल वाले दामाद की इज्जत न करें तो उनका केतु खराब होगा ओर दामाद गलत है तो उसका राहु खराब होगा ताली एक हाथ से नहीं बजती इसलिये अपनी भावना अच्छी रखें सामने वाला देर सवेर ग्रह परिणाम जरूर भुगतेगा राहु जहाँ मानसिक संतुलन खराब करता है अड़चन देता है वहीं केतु छुपे रोग ऋण शत्रु पैदा करेगा पैरों में जोड़ों में दर्द देगा नर संतान को तकलीफ देगा ओर वंश वृद्धि में रूकावट देगा बेटी का तरिस्कार करने पर बुध घर में जान बूझ कर बेटियां देगा केतु के लिये तरसायेगा जो पुत्र का कारक है क्योंकि दोनों आपस में शत्रु है!-
दोस्ती और व्यापार :-
दोस्ती मंगल है ओर व्यापार बुध है ज़ब मंगल बुध मिलते है तो शनी की ऊर्जा राहु स्वभाव बन जाती है जो परेशानी का कारण बनती है इसलिये तो दोस्ती में लेन देन मंगल को खराब करता है इसीलिए उधार डूबती है क्योंकि खराब राहु सक्रिय हो जाता है जो व्यापार को ले डूबता है इधर रिश्ता खत्म हो जाता है !
न ही खुदा मिला ओर न ही विशाल ए सनम.. न इधर के रहे न ही उधर के रहे हम...वाली बात हो जाती है !
इसलिये व्यापार ओर रिश्तों को कभी सामूहिक न करें!!-
Mercury in 7th house
बुध सातवें भाव में पारस पत्थर कहा गया है ओर ये जातक जिसके साथ खड़े होते हैँ उनके बिगड़े काम धीरे धीरे सब बनते जाते हैँ लेकिन थोड़ा सा मज़बूत होने पर सामने वाला इनको ही अहंकार गुरुर दिखाना शुरू कर देता है इसलिये कहा गया है कि बुध सातवें भाव वाले जातक ख़ुद के पैरों पर ख़ुद कुल्हाड़ी मार लेते हैँ इनको पहले अपना फिर दूसरे का हित सोचना चाहिये तब बुध के फल अच्छे मिलते है !-
मंगल बद को बुरा नहीं कह सकते
प्रत्येक जगह मंगल बद नहीं होता ओर मंगल बद नहीं हो तो काम भी नहीं होता क्योंकि भगवान राम कृष्ण मंगल बद न करते तो तो दानव संघहार कभी नहीं होता मंगल के मित्र ग्रहों को तकलीफ या पिड़ित होने पर मंगल इंसाफ की लड़ाई लडता है हम भी तो रिस्तेदार के सहयोग में खड़े होते हैँ वहाँ गुस्सा भी दिखाना पड़ता है ख़ुद के हक के लिये खून में गर्मी होना जरूरी है अन्यथा इंसाफ मिलना मुश्किल है इसलिये मंगल बद जो बड़े बड़े काम बनाता है वो दूसरा ग्रह नहीं बना सकता बद का अर्थ है गुस्सा करना तो हक के लिये तो वाजिब है आज तक मुझे नहीं लगता किसी को गुस्सा नहीं आया हो तो कायदे से मंगल सभी का बद होता है बस बद नाम से इंसान डर जाता है बाकी मंगल बद बुरा नहीं कह सकते!! जहाँ नाइंसाफ़ी होगी मंगल बद होगा ओर इसीलिए मंगल से शनी व उसके साथी दबते है क्योंकि मंगल परमार्थ व इंसाफ की लड़ाई लडता है जो शनी के सिद्धांतो का अहम हिस्सा है...!-
Astrology says that for 12 years the child's horoscope should not be shown because from 1 to 12, the child remains in the circle of the sinful planet Shani Rahu, so he gets reprimanded quickly because the upper air is Rahu and the vision (eye) is Shani. That is why to protect the child from them, parents should keep more in the company of grandparents so that under the supervision of Sun Moon Jupiter, sin planets can not affect, but nowadays the child is born here and cannot even cry before that. It is put after taking a photo from the mobile and then it is put on Facebook so that all kinds of vision can be seen, then the child will also be ill, he will be irritable and his Mars will also be bad because due to the influence of Shani Rahu, Mars does not remain without change. !!
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