गीत पुराने समझ जाओ,
समझ जाना उम्र आ गयी।
संगीत पुराने आसान पाओ,
तो ये समझ ताउम्र आ गयी।-
टूटा है दिल हर दफा,
टुकडा-टुकडा संभाल के रखा है आज तक,
मुलाक़ात हुई है सौ दफ़ा,
हर बील, हर टिकट संभाल के रखा है आज तक,
फर्क बस यही,
हमने यादे रखी उन्होंने हिसाब।-
सन्नाटो में अक्सर एक आवाज होती है,
आवाज जो हम कभी सुन नही पाते,
मगर गौर करोगे तो महसूस जरूर होगी।
हर किंतु-परंतु के पीछे भी एक ऐसी ही आवाज है,
वे सुनने की कोशिश करो,
सुन नही पाए तो महसूस करो।
बिन डूबे सोच में-
सोच को महफूज़ करो...
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हम उनसे उनका कुछ वक़्त मांगते रहे,
और वो हमसे कुछ वक़्त और मांगते रहे...-
नींद-हराम की कशमकश देखिए,
भरे दिन में एक ख़्वाब देखा है।
बाकी सब धुँधला सा लग रहा है,
जब से आपको बेनक़ाब देखा है।-
माँ ने कहा था कि बेटा बडे शहर जा रहे हो,
बस नशे से दूर रहना,
अब बताओ तुम ही हम ग़लत या सही
जो इश्क़ का नशा कर बैठे है।-
है खता तो खता मंजूर कीजिए,
ना कोई इंतजार बस दस्तूर कीजिए,
की खुद खुदसे नजरे मिला पाओ,
खुद की तस्वीर इतनी नूर कीजिए।
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कुछ ख़त मिले है मुझे पुराने अपने,
अभी भी सियाही जरा नम सी लगती है।
ना जाने कब आँसू बहा दिए हमने,
बरसों पुराने सहे वो दर्द भी मानो कम से लगते है।-
ये जो कुछ राय देने वाले है आसान भाषा को भी मुश्किल बना देते है,
देखना जरा संभलके तेज़ तल्लख बुद्धि को भी ज़ाहिल बना देते है।-
वो जो शख्सियत मैं ही हुजूर मासूमियत लिखी हो,
जंजीरे खोल भी दो तो उसका भागना रुक-रुक के चलने के बराबर होगा।-