बुरा होना भी अच्छा है , अगर आपको अच्छा लगे।
और अच्छा होना भी बुरा है , अगर आपको बुरा लगे।।
#KNOW_YOURSELF-
Everyone says man never cares, understand, feel.
But the reality is
Man never complains about his problems.
By ignoring himself, he always thinks about others , care about others and feel others pain instead of his own problems-
जिस माशूका को पूरी जवानी,
मैंने अपनी पलकों पर बिठाया है ।।
इतने अरसे बाद~~~
उसी माशूका ने आज,
मुझे अपने गले से लगाया है।
#cheers_sweetheart🥇😘
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Haven't done anything bad to anyone , but do not even understand anyone's feelings.And this is what makes others unhappy, and makes us bad.
May be I am too bad.🤯-
पत्थर हूं मै , ना कुछ अनुभव होता है अब।
दिल टूटे या रूह छूटे सब सपना लगता है अब ।
इस पथर को भी दिल से लगा लो कोई ,
हर किसी से ठोकर खाना भी अच्छा लगता है अब।
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अक्षरों से यू ही दूरियां सी हो गई हैं
जब से तुम मेरी जिंदगी में आए हो
किसको ढूंढने की चाहत भी ना रही
जब से तुम मेरी जिंदगी मै आए हो
लड़ाई झगड़े भी किस्से करू , तुम ही तो मेरा सब कुछ हो।
जबसे तुमने बात करना बंद किया है तब से मेरी आंखे भर अयी है।
माना मै भी गलत हूं जिंदगी के हर एक मोड़ पर
तू भी समझ ना ये जिंदगी मेरे सामने ऐसे मोड़ लाई है।
अजीब हूं मै ना कुछ अनुभव होता है अब
दिल टूटे या रूह छूटे सब सपना लगता है अब
इस पथर को भी दिल से लगा ले कोई
हर किसी से ठोकर खाना अच्छा लगता है अब
दर्द ना होता मुझे जरा सा भी चाहे कोई कितनी भी ठोकर मारे , ओ ओ ओ ओ दर्द तो नहीं हुआ उसे
ये भी मेरी गलती है सब।
पथर हूं जनाब हर किसी से ठोकर खाना अच्छा लगता है अं-
जब कभी आपका बच्चा गलत रास्ते
पर जाने लगे तो
बेझिझक
थपड़ मार दीजियेगा।
अगर आप नहीं मारोगे तो
जिंदगी मारेगी ।
ओर
जिंदगी बहुत बेहरेमी से मारती है । ⭐-
When someone says sorry to you every time, it does not mean that he is wrong every time, sometimes you have to say sorry even if there is no mistake to save the relation. It doesn't mean that you think of him as an idiot.
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असली नाइंसाफी तो लड़कों के साथ होती है ।।
कहते हैं ना
की हम लड़कों से तो प्यार भी लोग
पैसा देख कर करते हैं।
जितना ज्यादा पैसा उतना ज्यादा प्यार।।
ओर जितनी लाचारी उतनी धोखेबाजी।।-
अलग अलग दिशा से निकली धारा ये प्रचंड सी।।
हास्य गान कर चली ओर भड़के ये द्वंद्व सी।।
ना जाने कब मिलेगी , मिलेगी अपने केंद्र से ।।
मिलके ये रुकेगी , या बहेगी ये घमंड से।।-