Vatsalya Chaurasia  
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Joined 3 April 2017


Joined 3 April 2017
20 NOV 2019 AT 18:38

भूल न बैठना ये आनन-फानन में
कई ज़िन्दगिया‌ँ बसती हैं कानन में ।

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15 NOV 2019 AT 22:17

मेहनत की स्याही से लिखोगे..
तो अपना कल भी लिख सकोगे।

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10 NOV 2019 AT 10:23

शब शब्दों में बिताऊंगा
और एक दिन
शब्द से सबद बन जाऊंगा !

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1 NOV 2019 AT 21:46

Greenliness and cleanliness is what it wores.
State, whose capital is full of shores.
State, who is richest in wild roars.
That state, today is celebrating its SIXTY FOUR !

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28 AUG 2019 AT 8:18

मजबूरी की मजदूरी है..
मजबूरी खत्म, मजदूरी खत्म !

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16 JUL 2019 AT 16:45

जुआरी हूँ साहब !
वक्त, लगन और मेहनत की बाजी रोज लगाता हूँ!

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29 JUL 2018 AT 19:04

अंजाम तक पहुँचने का कर लिया है कुछ यूँ इंतज़ाम;
कि अब नहीं बुरा लगता इसका, उसका, किसी का कोई भी इल्ज़ाम।

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17 JUL 2018 AT 22:42

कुछ है,
जो मुझे रोज़ आगे बढ़ाता है..
हाँ !
मुझे सपने में,
सपनों को,
पूरा ना कर पाने का सपना
डराता है।

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6 JUL 2018 AT 17:56

और कई बार फ़ासला, फ़ैसले तय करते हैं.!

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28 JUN 2018 AT 20:03

ज़िंदगी
Status Update में
ना निकल जाये
संभालो यारों !

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