VATSA   (VATSA)
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Poet , Writer & Filmmaker
Joined 4 November 2018


Poet , Writer & Filmmaker
Joined 4 November 2018
4 OCT 2022 AT 23:29

In nigaahon ko jaise
pahchaannne laga tha

Sun chuka tha labon ko
Inke hilne ke pahle se

Itni shiddat se tujhko
Dhoondhti thi jindagi

Jaanta tha tujhe main
Tere milne ke pahle se

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26 JUL 2020 AT 8:23

तुम्हीं बनकर घूमते हो अजनबी
तुम्हीं रातों को बेचैन रहते हो

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17 SEP 2021 AT 22:33

शहरों की घुटन में था हर बाग मुरझाया
खुशियों का वो रहनुमा अक्सर था पराया

इरादे बदल रहा था गैरों के रात दिन
उसको अपनी मौज में जीना नहीं आया

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14 SEP 2021 AT 10:31

'अ' में छुपे हैं मोती लाल
'आ' में आम की है सुगंध

'इ' में है पेड़ों की खटास
'ई' से मीठे डंडों का संग

'उ' में काली रात के पंछी
'ऊ' में है वो धागों के रंग

'ए' में धरती से जुड़ा स्पर्श
'ऐ' में खटिया बूढ़ा पलंग

'ओ' में मूसल का भारीपन
'औे' में छुपा शक्ति का संग

'अं' में रस मीठे खट्टे गुच्छे
'अः' में भावों के हैं उमंग

गंगा सी बहती सबके संग
जीवन उमंग हिंदी के रंग

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12 SEP 2021 AT 11:44

अश्क सहने लगे थे
सादगी के मुखौटे

मूक रहने लगे थे
सादगी के मुखौटे

नफरतों का अंजुमन
थामे आईनों में

इश्क कहने लगे थे
सादगी के मुखौटे

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15 JUL 2021 AT 19:51

इस तरह ये फुरक़त तुम हमसे दूर कर दो
हमे तुम गैर कहकर उन्हें मंजूर कर दो

हमारी उलफ़त ना समझ पाए पैमाने
उन्ही के मक़बरे को चमकता हूर कर दो

हमे तुम गैर कहकर उन्हें मंजूर कर दो

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10 JUL 2021 AT 18:39

बिखर जाने में बस ये खयाल रहे
हंसी चेहरे पर हाथों में गुलाल रहे

मिट जाना 'वत्स' जमीन की गोद में
ना कोई जवाब हो ना कोई सवाल रहे

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20 JUN 2021 AT 14:53

मिलते हैं रोज़ बहुत कम मुलाक़ात होती है
बात उनकी जिनसे बहुत कम बात होती है..

दिन गुजर जाता है बस यारी की नुमाइश में
मां के आंचल में भी अक्सर रात होती है

बात उनकी जिनसे बहुत कम बात होती है...

बहुत महंगे हैं जवाब में रिश्तों के सवाल
जिनकी दौलतें मुफ्त की खैरात होती है

बात उनकी जिनसे बहुत कम बात होती है..

रूठें तो कभी ना आया मनाने का शऊर
जहां खत्म हूं मै जिनसे शुरुआत होती है

बात उनकी जिनसे.....

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7 JUN 2021 AT 18:35

ये जाने कौन सी ख़लिश है हवाओं में
तुम्हारे बाद यहां कुछ तुम्हारा छूट गया

चाँद रूठे ना इस तरह आसमानों से
मेरा यार जैसे साहिलों से रूठ गया

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31 MAY 2021 AT 12:11

लगी लगाई शर्त यहां
कागज़ भी मासूम नही

जिनको सब मालूम यहां
उनको कुछ मालूम नही

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