किसी में थोड़ी अच्छाई देख उसे अच्छा बना दूं क्या
बुराई मुझ में भी है खुद को इतना बुरा बना दूं क्या..?
जज्बात_ऐ_आगाज✍️-
कोशिश करती हूं जिंदगी लिखूं बता अपनी कहानी वो भी ... read more
Saal jaa rha hai apne waqt pe fir bhi aisa lag rha kitni jaldi jaa rha na kaash! Kuchh din aur rh leta.syd isse khi behtar ho aane wala saal fir bhi ye to jaa rha har baar ki trh bhot si yaadein chhod kar. Saal badalne ke saath sayad bhot kuchh badal jaaye jaise har shaam waisi hi hogi par sham ko saath dene wala sakhs syd saath na hoga yaa fir ye tehrna khi aur hoga kya pta kya hoga.mai to mai rahungi bas ye wqt badlega badlaaw to thoda khud bhi jaruri khi na khi ye bhi pura hoga.Kuchh chhodna bhi chahti hu jo is saal ke saath jaaye kisi se koi nya lgaaw n ho paaye..
Jo chhut rha wo chhut hi jaaye, Nye saal me kuchh to nya ho jaaye...-
आपदा कहें विपदा कहें या क्या कहें
अब बस भगवान रहम किजिए,यहाँ बरबादी करीब लग रही अब सब आप पर निर्भर हैं बचा लिजिए।
है हालात कुछ ऐसे यहां न अमीर अमीर लग रहा ना गरीब गरीब लग रहा,
कुछ नादानों की क्या है गलती जो मौत सजा सुनाए जा रही,
बचती थी जान जिन दवाइयों से आज वही जहर का काम किये जा रही।
टूट गया बेटा परिवार के बिना जला दिया गया एक बाप बेटे के बिना,
बिगड़ गया रिवाज खत्म लगते हैं धर्म, अब यहां अफसोस के अलावा क्या ही किया जाए।
बन के आए भगवान बन रहे हैवान जान पे जान जाते जा रही फिर भी कम नहीं अभिमान।
बदतर हो रहे हालात उन परिवारों के जिन्होंने कभी अपने घर मे राज संवारे थे,
मुश्किल हो रहा था समझने को बात अधूरी, हमने भी लगा डाली एक मेडिकल कालेज की चक्कर पूरी,
रहते हैं जो सडकों पर उनकी हालत भी है अभी अच्छी
वो जो अस्पतालों में पडे़ है ना उनकी हालत ठीक नहीं है सच्ची........
आपदा कहें विपदा कहें या क्या कहें।।।।
जज्बात_ऐ_आगाज✍️
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शहर वाले तो शर्त बहुत लगाते हैं
असली रिश्ते तो गांव वाले निभाते हैं.....
जज्बात_ऐ_आगाज✍️-
बदलते रहते हो लिबास हमेशा
कभी नजरिया बदल के देखा है क्या....?
जज्बात_ऐ_आगाज✍️-
मुट्ठी बंद कर के तू पैदा हुआ है,खोल के तू मर जाएगा
रोते रोते तू पैदा हुआ है सबको रुला के छोड़ जाएगा
इंसान की जिंदगी मिली है तो तेरी इंसानियत तुझे बडा़ बनाएगा,
भूल न जाना ये बात वरना जानवर बन के रह जाएगा
घमंड किसपे करता है तू सबके जैसे तू भी तो समशान जाएगा,
तेरे साथ क्या क्या हो रहा तेरे जाने के बाद तू कहां देख पाएगा
सम्भाल रखा है तूने इतना कुछ सब एक दिन तहस नहस हो जाएगा
रोते रोते तू पैदा हुआ है सबको रूला के छोड़ जाएगा।
वक्त वक्त की बात है आज तू खामोश है कल एक शोर जगाएगा,
खाली हाथ आया है तू खाली हाथ ही जाएगा
रोते रोते पैदा हुआ है तू.....
छोटी सी जिंदगी है एक एक इम्तिहान दिलाएगा,
यूं ही घबरा के छोड़ दे तू तेरे सा कमजोर कोई नहीं कहलाएगा
रोते रोते पैदा हुआ है तू.....
जी ले जिंदगी अपने तरीकें से इतनी छोटी सी जिंदगी
जाते हुए तूफानों सा ना रोक पाएगा
खूलें आसमान में उड़ ले परिंदों सा एक बंद कमरे में
घुट घुट कर मर जाएगा
जी ले अपनी जिंदगी अपने तरीकें से इतनी छोटी सी जिंदगी
जाते हुए तूफानों सा ना रोक पाएगा
रोते रोते तू पैदा हुआ है.......
जज्बात_ऐ_आगाज✍️
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उठ जाते हैं किसी सुबह जल्दी भी
कुछ जिम्मेदारीयों के बोझ हर दिन देर तक सोने नहीं देते
जज्बात_ऐ_आगाज✍️-
यूं तो हर रिश्तों के नाम होते हैं
कुछ रिश्ते बेनाम ही अच्छे लगते हैं
जज्बात_ऐ_आगाज✍️-
हर रात कट जाती है कुछ यादों के सहारे
जरुरी तो नहीं वक्त ने हराया तो इंसान खुद से भी हारे..
जज्बात_ऐ_आगाज✍️-
रात काफी हो चुकी है,आंखे अभी खुली ही है
मन को कुछ अच्छा तो न लग रहा, बस ये घडी.
बीतने का इंतजार कर रहा
जज्बात_ऐ_आगाज✍️-