Vats Ajit Rai   (Vats Ajit Rai)
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Everything In Life Is Due To Some Reason....
Joined 3 January 2019


Everything In Life Is Due To Some Reason....
Joined 3 January 2019
23 HOURS AGO

खो जाओ अचानक यूँ,
जो खोजते हुए आए — उसी को मिलना..!!

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29 SEP AT 11:42

परमपिता

जो सर्वत्र है, अदृश्य है,
पर हर धड़कन में बसा है।
जो सत्य है, शिव है, सुंदर है,
वही है हमारा परम सहारा।

रिश्तों की भीड़ में
जहाँ अपेक्षाएँ बोझ बन जाती हैं,
जहाँ मोह-माया थका देती है,
वहाँ एक वही हैं—
जिन्होंने कभी कुछ माँगा नहीं,
सिवाय इसके कि
हम उनके दिए जीवन को जी लें।

विकल्प बहुत हैं—
भ्रम, आकर्षण, अस्थायी सुख—
पर सत्य केवल एक है।
वह जो हमें थामे हुए है,
भले हमने कभी महसूस न किया हो।

परमपिता पर विश्वास करना
कोई मजबूरी नहीं,
बल्कि वह राह है
जहाँ आत्मा को शांति मिलती है,
जहाँ कोई छलावा नहीं,
सिर्फ़ प्रेम है—
निष्कलुष, अनन्त और अटूट।

हर हर महादेव 🙏🏻 Jay Mata Dii ❣️ Radhe Radhe 💜

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29 SEP AT 11:35

जो सब कुछ है सर्वत्र है जो आदर्श हैं, जो परमशक्तिशाली हैं,
जो सत्य हैं, जो शिव हैं, जो सुंदर हैं—
जो परम पिता परमेश्वर है, जिसे हमने देखा नहीं,
या यूं कहे जिसे हमने कभी महसूस करने की कोशिश नहीं की, उसे माना नहीं,
क्या उन पर विश्वास करने के अलावा और कोई विकल्प हैं हमारी ज़िन्दगी में...
क्योंकि बाक़ी के मोह-माया और मतलबी रिश्तों से कहीं अच्छा है कि,
हम उनसे जुड़ें जिन्होंने कभी हमसे कुछ माँगा ही नहीं—
सिवाय इसके कि उन्होंने हमें यह जीवन दिया हमे ज़िन्दगी दिए... Aj..✍🏻❣️

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19 SEP AT 22:19

एक लफ्ज़ है..!!

सब खामोश हैं कोई आवाज नहीं करता यहां,
वो तो मैं हु जो बोल देता हु सब कुछ..
वरना सच बोलकर कोई, किसी को नाराज नहीं करता...!!

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3 SEP AT 19:53

No Matter How Good You Are,
People Will Treat You,
According To Their Mood And Needs.

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22 AUG AT 6:40

प्रतीक्षा इतनी भी न करवानी चाहिए,
कि पाने का मोह ही ख़त्म हो जाए...!!
क्योंकि इच्छाए ज़रूर चंचल है मेरी,
परंतु धैर्य भी इतना हैं कि एक पल में सब कुछ ठुकरा सकता हु...!!

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5 AUG AT 18:42

इतना क्यों याद आती हो, इतना क्यों याद आती हो,

इतना क्यों याद आती हो, इतना क्यों सताती हो,
माना की हमें तुमसे प्यार है,
माना की हमें तुमसे प्यार है,
पर तुम भी अपना प्यार क्यों नहीं जताती हो....!!

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4 AUG AT 16:53

किया था तबाह दिल्ली ने भी बहुत,
मगर लूटा हमें लखनऊ वाली ने कसम से...! 😒

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4 AUG AT 8:17

हम कहाँ चाहते थे,
तुमको ख़ामख़ा बदनाम करना..!!
वो तो लोग इश्क़_इश्क़ चिल्ला रहे थे,
और हमने लखनऊ बोल दिया....

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28 JUN AT 13:03

मैंने मोहब्बत पर कुछ लिखा है,
तुम लखनऊ समझ लेना,

तुम उसे चुपके से पढ़ लेना,
रात की तन्हा खामोशी में,
उसमें खुद को ढूँढ लेना।

शब्द नहीं, एहसास हैं लखनऊ,
सपनों के कुछ उजले राज़ हैं लखनऊ,
तेरे बिना जो दिल ने सहे,
वो सारे अधूरे साज़ हैं लखनऊ।

न आवाज़ दूँगा, न बुलाऊँगा,
बस निगाहों से तुम्हें जताऊँगा,
जब चाँदनी तेरे चेहरे पे गिरे,
समझ लेना, मैं लखनऊ में हूँ, मुस्कराऊँगा।

तेरी हर मुस्कान में मैं रहूँ,
तेरे हर आँसू में भी बहूँ,
जो तुमने कभी न जाना दिल से,
वो हर बात उस चाँद से कहूँ।
दुआ करना मैं लखनऊ में रहु...!!

मैंने मोहब्बत पर कुछ लिखा है,
तुम लखनऊ समझ लेना...!!

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