आज एक कुआं
आज हम हैं एक कुआं..
आज जो हम हैं क्या बताएं..
नल है कल है और हम क्या हैं?
आज गुफा सा हू सूखा बेजान झाड़ियों से घिरा..
कहीं मैं समतल हो गया हूं और कहीं दरवाजों सा धीरा..
एक समय था जब मैं लोगों का आश हुआ करता था..
आज समय है कि मैं खुद प्यासा तड़प रहा जीवन को..
आज जो हम हैं क्या बताएं? बस होती है एक घबराहट क्या जताए?
आज मैं ढूंढ रहा हूं इस जग में अस्तित्व मेरा!!-
स्वतंत्र रचनाकार,....🖋️
साहित्य के क्षेत्र में कार्यरत...🖋️
जन्मभूमि :-मुजफ... read more
है यदि तेरी कौरवों की सेना
मेरे हिस्से में पांडव है शेष
तुम पीते हो विष का प्याला
मेरे पास है अमृत शेष
है तेरी धनुर्धर की सेना
मेरे पास है अर्जुन श्रेष्ठ
ना छोड़ो हूंकार विशंभरा तुम
मेरे हिस्से में नाग है शेष
है घमंड तुम्हें बल पर अपने
तो मेरे पास है भीमसेन
चीर किए तुम हरण द्रौपदी का
ना कर पाए हरण तुम शेष
तेरे पास है शकुनी सा चातूर
मेरे पास माधव है शेष
तेरे हिस्से में शेष न कुछ है
मेरे हिस्से में शेष ही शेष-
आपका सबसे बड़ा सत्रु आपका विचार हैं अगर खुद के विचारों पर अगर काबू पा लिया जाएं, तो ये आपकी सबसे बड़ी जीत होगी।।
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ख़ुद को संभाल पाओगे क्या तुम इस यौवन की आंधी से?
या तुम ख़ुद गुम हो जाओगे इस यौवन की बादी में?
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ये जिंदगी तू मुझमें नहीं सायद है,..... अब बाकी
तभी तो मेरे दर्द को,..... नहीं है जान पाती-
कलाई दे अपनी भईया मैं फिर से राखी लाई हूं
हर साल देते हो वचन आज फिर याद दिलाने आई हूं
बहना तुमसे अपनी रक्षा का बंधन याद दिलाने आई हैं
भाई- बहन के रिश्ते को फिर से दोहराने आई हैं
सोना, चांदी, गहने , कपड़े कुछ न दो तुम उपहार में
भईया मुझको एक वचन तू दे देना आज मुझे उपहार में
सभी बहनों की इज्जत करना अपनी हो या गैरो की
वचन आज तुम यहीं दे देना अपनी बहनों को उपहार में
तो कलाई फिर दे दो भाईया बहन तुम्हारी आई हैं
बांध कलाई पर रक्षा सूत्र अजेय बनाने आई हैं
तिलक माथे पर लगा कर तेरी सान बढ़ाने आई हैं
दे कलाई भईया तेरी बहना आई हैं-
बरसों की आरी हंस रही थी
घटनाओं के दांत नुकीले थे
अकस्मात एक पाया टूट गया
आसमान की चौकी पर से
शीशे का सूरज फिसल गया
आंखों में ककड़ छितरा गये
और नजर जख्मी हो गयी
कुछ दिखायी नहीं देता
दुनिया शायद अब भी बसती है
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मदिरा में हैं आज कौन नहीं डूबा,
तो फिर किसे कहूं "मैं" साधु
और किसे कहूं कोरा ।।-
अगर आप ये समझ कर जी रहें हैं कि इस दुनिया में सभी आपके मित्र हैं, तो आप गलत है। क्योंकि सभी को एक साथ खुश नहीं किया जा सकता हैं।।
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