दिल ने करार पाया !
तेरे तीखे लफ्जों से भी,मन मे अब प्यार आया!
अपने लड़खड़ाते आख़िरी कदम से भी, तुझको छू लूंगा !
और तुझे महसूस हो कुछ ऐसा, उस उम्र मैं भी कुछ कर दूंगा!
मौत भी शरमा कर छोड़ देगी तुझको ,मैं अपने आगोश में उसको भर लूंगा!!
तेरी रूहु से किया था करार, तुझे अपनी याद संग छोड़ दूंगा!
धीमी सी हवा से , आकर अब मै तुझको छेड दूंगा !
मैं तुझमें हूं, यहीं सोच कर अब वहां भी जी- लूंगा !!
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अगर नज़र लगे तो बचा लेना !!
मुझको काजल सा, आँखो मैं छुपा लेना।
ओर अगर कोशिश भी करे तेरे आंसू , मुझे मिटाने की!
तो उनको भी ज़रा, रोब से बता देना ।
नूर हू मैं तेरा, ये उन नजरों को भी जता देना!
अगर नज़र लगे तो बचा लेना!,♥️-
तन्हाई , रूठी रुसवाई !
यार की यार से जुदाई!
सूनी होकर भी ,
धीरे से फैलाती तभाई!!
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"दंरिंदा हूँ हुसन का "
कर बैठी इश्क मुझसे, यह उसकी खता है!
मैं दरिंदा हूं हुसन का, यह भी उसको पता है!
फिर भी रुहू में डूब कर,करती है सांसे-वो एक मुझसे!
ज़िस्म से रुहू भी छीन लूंगा, यह भी उसको पता है!!
फिर भी कर बैठी इश्क मुझसे, यह उसकी खता है!!-
समय की दौड़, हमेशा उस ओर!
करता हू कौशिश, पर ये लापरवहा मेरी ओर!
ना जाने चाहता है ये क्या, जो दौड़े दूजी ओर!
मैं बस करता हू कौशिश, ये लब जा मेरी ओर!-
"वो बचपन मे पिता का हाथ ,
माँ संग भाई , बहन का साथ !
अब मुझको, रोज़ जगाता है!
बड़ा हो गया अब मैं यारों,
मुझे बचपन याद आता है!!
"अब अकेले -रो लेता खुद से,
तब खुद से, सबको हसाता था!
बड़ा हो गया मैं यारों,
मुझे बचपन याद आता है!!-
"ना अब मैं वहाँ, ना तू मेरे साथ!
कोसो दूर है,खुशियाँ अब मेरी!
पल पल मैं है अब, गमों का साथ!"
"आँसुओ मे भीगी रात"-
आज वो हमसे, रुकने को कह गया!
दर्द अपनों का, खुद पर सह गया!
किसी अपने खास के खातिर,
अब लोटूंगा नहीं, कह गया 😔-
"मैं,कुछ धीमा सा हो गया!
नज़ाने,मुझसे अब क्या हो गया!
कुछ हाथ भी खाली लगते है!
क्यों मुझसे, रब ये रूठ गया!"
"मेरे अपनों को ही ज़कडे क्यों!
तूफानों मे रगड़े क्यों!
क्या उनसे भी तू, रूठ गया!
क्यों, जग गमला ये टूट गया!"
"मैं अब धीमा सा हो गया!
मैं अब धीमा सा हो गया!"-
दिसंबर को,महीना मान लो !
साल को अपना मान लो!
जाना तो एक बहाना है , हर वक़्त रोज़ का!
यादों को दिल मे सुजोना जान लो!
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