सामने बैठे रहो
दिल को करार आयेगा,
जितना देखेंगे तुम्हे
उतना ही प्यार आयेगा।-
लोग हर मोड़ पे...
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं;
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं;
मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ न कोई तारा हूँ;
रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं;
नींद से मेरा त'अल्लुक़ ही नहीं बरसों से;
ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं;
मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए;
और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं।
~Varu...-
आता है याद मुझको...
आता है याद मुझको गुज़रा हुआ ज़माना;
वो बाग़ की बहारें, वो सब का चह-चहाना;
आज़ादियाँ कहाँ वो, अब अपने घोसले की;
अपनी ख़ुशी से आना अपनी ख़ुशी से जाना;
लगती हो चोट दिल पर, आता है याद जिस दम;
शबनम के आँसुओं पर कलियों का मुस्कुराना;
वो प्यारी-प्यारी सूरत, वो कामिनी-सी मूरत;
आबाद जिस के दम से था मेरा आशियाना।
Varu....-
अजीब लोगों का बसेरा है तेरे शहर में,
ग़ुरूर में मिट जाते हैं पर याद नहीं करते।-
याद करेंगे तो दिन से रात हो जायेगी,
आईने को देखिये हमसे बात हो जायेगी,
शिकवा न करिए हमसे मिलने का,
आँखे बंद कीजिये मुलाकात हो जायेगी।-
कोई क्यों मेरा इंतज़ार करेगा,
अपनी जिंदगी मेरे लिए बेकार करेगा,
हम कौन से, किसी के लिए ख़ास हैं,
क्या सोचकर कोई हमें याद करेगा।-
निगाहों में मंज़िल थी;
गिरे और गिर कर संभलते रहे;
हवाओं ने तो बहुत कोशिश की;
मगर चिराग आँधियों में भी जलते रहे।-
अगर कुछ सीखना ही है;
तो आँखों को पढ़ना सीख लो;
वरना लफ़्ज़ों के मतलब तो;
हजारों निकाल लेते है।-