आजकाल शब्दांत जरी बोलता येत नसलं,
तरी नजरेतूनच गप्पा मारतो मी तुझ्याशी!
आजकाल जरा कमी व्यक्त होत असलं,
तरी मनात अनंत प्रेम आहे तुझ्याचसाठी!
मी फक्त तुझाच आहे अन् तू फक्त माझीच,
हे स्वतःला सांगायची देखील गरज भासत नाही!
कारण मी जगात कुठेही असलो तरी,
माझा जीव घुटमळतो फक्त आणि फक्त तुझ्याचपाशी!
©varun_b
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जज्बाती तनाव को मिटाने के लिए बेपरवाह रहना शुरू किया,
और कब बेपरवाह से लापरवाह बन गए, पता भी ना चला!
©varun_b-
इन दिनों मीडिया में जो दिखता है वो सच नहीं,
और जो सच है वो किसीको दिखता नहीं!
पर इससे कुछ फर्क़ नहीं पड़ता जनाब,
क्योंकि अनपढ़ तो झूठ को ही सच मान लेता है,
और पढ़ा-लिखा सच देखकर भी सबक सीखता नहीं!
©varun_b-
जो कहते हैं कि बातें कम हो जाने पर रिश्तों में दायरे बढ़ने लगते हैं,
उन्होंने शायद ज़िन्दगी में कभी दोस्ती का रिश्ता देखा नहीं होगा!
©varun_b-
You are a prime of example of strong mind,
Over and above that you are so much kind!
You are gem of a person, very difficult to find,
As you forgot all this, I thought I would remind!
©varun_b
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उम्रभर ज़िन्दगी की सच्चाई से दूर भागते रहें,
और कब ज़िन्दगी एक झूठ बन गई पता ही ना चला!
©varun_b-
यूँ तो फ़ितरत नहीं हमारी हर दफा इश्क़ जताने की,
जरूरत नहीं हमें आप क्या हो ये दुनिया को बताने की!
जो अगर पूछ ले कोई हमसे ज़िन्दगी में आपकी अहमियत के बारे में,
तो कह देंगे, "जितनी अहमियत है आपकी ज़िन्दगी में साँस ले पाने की!"-
ये दिल भी बड़ा अजीब है जनाब,
दूसरों ने दिए मक़सद के पीछे वक़्त ज़ाया करता है,
पर ख़ुद के मक़सद को जानने से भी मुकर जाता है!
ऐसा तो बिल्कुल नही है कि नफ़रत है इसे ख़ुद के वज़ूद से,
बस्स अपना मक़सद अधूरा रहने का डर इसे छूकर जाता है!
©varun_b-
उतना ही फर्क़ है ज़िन्दगी काटने में और उसे जीने में,
जितना होता है पानी लेकर घूमने में और उसे पीने में!
©varun_b-
शायद बचपन का सपना था उनका,
निकले थे दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने!
वक़्त के साथ सपना तो पूरा हुआ,
पर अब ख़ुद के लिए ही वो हो चुके हैं अनजाने!
©varun_b
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